- चीन में कोरोनावायरस से अबतक 170 लोगों की मौत हो चुकी है
- चीन में करीब 7500 मामलों की पुष्टि हो चुकी है
कोरोनावायरस के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए विश्व स्वस्थ्य संगठन (WHO) ने आज आपात बैठक बुलाई है जिसमे अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किए जाने पर फैसला लिया जा सकता है। अगर ऐसा किया जाता है तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इससे निपटने के कदम उठाए जा सकेंगे।WHO के डायरेक्टर जनरल टेड्रोस अदनोम घेब्रेयसस ने बताया कि इस बैठक में यह तय किया जाएगा कि इस वायरस के फैलते संक्रमण को स्वास्थ्य आपात स्थिति घोषित किया जाए या नहीं। हालांकि कोरोनावायरस के सिर्फ एक प्रतिशत मामले चीन से बाहर पाए गए हैं। उनमें भी ज्यादातर लोग या तो चीन की यात्रा कर लौटे थे या चीन की यात्रा करने वाले लोगों के संपर्क में आए थे, लेकिन चीन से बाहर के तीन देशों में कुछ ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जिनमें वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक पहुंचा है।
डायरेक्टर जनरल टेड्रोस ने ट्वीट करके लिखा, “मैंने नए कोरोनावायरस के प्रसार को लेकर इंटरनेशनल हेल्थ रेग्युलेशंस इमरजेंसी कमेटी की बैठक कल फिर से बुलाने का फैसला किया है। टेड्रोस ने कहा कई लोग जो वायरस के संपर्क में आते हैं उनके अंदर हल्के-फुल्के लक्षण देखने को मिलते हैं लेकिन पांच में से कम से कम एक के अंदर बीमारी के जबरदस्त लक्षण, जैसे निमोनिया और सांंस की समस्या देखने को मिली है”।
कोरोनावायरस का पहला मामला दिसंबर में चीन के वुहान शहर में सामने आया। इसके बाद अब तक करीब 16 देशों में कोरोनावायरस के मामले की पुष्टि हो चुकी है। साउथहैम्पटन यूनिवर्सिटी के अध्ययन के मुताबिक, संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा थाईलैंड में है। लिस्ट में जापान दूसरे और हॉन्गकॉन्ग तीसरे नंबर पर है। ऑस्ट्रेलिया 10वें, ब्रिटेन 17वें नंबर पर है। इस लिस्ट में भारत का नंबर 23वां है।
दुनिया के करीब 16 देश इसकी चपेट में हैं। थाईलैंड में 14, हांगकांग में 10, ताइवान में 8, जापान, सिंगापुर, मकाऊ और मलेशिया में 7-7, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका में 5-5, दक्षिण कोरिया, यूएई और जर्मनी में 4-4, कनाडा और वियतनाम में 2-2, कंबोडिया और नेपाल में 1-1 मामले की पुष्टि हो चुकी है।