शोले का ‘हरीराम नाई’ कौन?
- हत्यारोपियों की दुकान के आगे से भुप्पी पहले भी कई बार गुजरा, तब कहीं नहीं हुआ कोई टकराव
- पुलिस चौकी में शिकायत होते ही दिनदहाड़े सनसनीखेज हत्याकांड को अंजाम देना मिलीभगत की ओर इशारा
हल्द्वानी। शहर में ये चर्चायें जोरों पर हैं कि भुप्पी हत्याकांड में कुछ तो दाल में काला है। आप घटनाक्रम पर गौर फरमायें तो आपको भी कुछ तो गड़बड़ लगेगा।
भुप्पी और उसका साथी रोहित सागर पुलिस चौकी में गुप्ता बंधुओं पर कार्रवाई न होने को लेकर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर चौकी से बाहर आते हैं और कुछ ही देर में सरेराह भुप्पी को गोलियों से भून दिया जाता है। दूसरा संयोग देखिए कि जिस कोतवाल साहब पर कातिलों से मिलीभगत के आरोप लगे हैं, वह दो दिन पहले से अवकाश पर होता है।
गौरतलब है कि आरोपियों की दुकान के आगे से भुप्पी पहले भी कई बार गुजरा, तब कहीं कोई टकराव नहीं हुआ, लेकिन पुलिस चौकी में शिकायत के बाद ही इस तरह का सनसनीखेज हत्याकांड अंजाम दिया जाना भी मिलीभगत की ओर इशारा कर रहा है। कोई न कोई है, जिसने गुप्ता बंधुओं को भुप्पी की गतिविधियों की जानकारी दी। वह कौन है, जांच के बाद ही इसका खुलासा हो सकता है।
भुप्पी हत्याकांड से पुलिस की साख सवालों के घेरे में है। मृतक के परिजनों, परिचितों समेत सोशल मीडिया पर भी पुलिस की भूमिका को कठघरे में खड़ा किया जा रहा हैै। पुलिस, रसूखदारों, मंत्रियों से आरोपियों की करीबी फोटोग्राफ और दूसरे माध्यमों से दर्शाई जा रही है। पुलिस की इस मामले में हर तरह से बरती ढिलाई ने भी कई सवालों को जन्म दिया है। इतने बड़े हादसे के बाद भी पुलिस नहीं चेती। हत्यारोपियों पर गैंगस्टर जैसी धारा न लगाने से भी उस पर सवाल खड़े हो रहे हैं। अब पुलिस की साख बचाने की जिम्मेदारी पुलिस के ही आला अधिकारियों पर है।
उधर डीआईजी ने भुप्पी हत्याकांड के मामले में लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों की रिपोर्ट तलब की है। रिपोर्ट सात दिन में देनी होगी। इसी के आधार पर पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। डीआईजी जगतराम जोशी ने भी इस बात को स्वीकारा कि आम जनता ने भुप्पी हत्याकांड के मामले में पुलिसकर्मियों की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए हैं। एसएसपी सुनील कुमार मीणा के सामने भी लोगों ने पुलिस और अपराधियों की मिलीभगत का आरोप लगाया था। एसएसपी ने एसपी सिटी अमित श्रीवास्तव को घटना में संलिप्त पुलिसकर्मियों की जांच करने की जिम्मेदारी सौंपी है।