…तो शापित है हल्द्वानी कोतवाली!

  • हत्याकांडों के चलते बड़े बेआबरू होकर कोतवाली से निकले तीन कोतवाल

हल्द्वानी। लगता है कि शहर की कोतवाली शापित है। यहां सनसनीखेज हत्याकांडों के चलते तीन कोतवालों को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी है। वर्तमान कोतवाल रहे विक्रम राठौर पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। ये आरोप उच्चाधिकारियों के लिए परेशानी का सबब बन गए हैं।  
पुलिस रिकार्ड के अनुसार विक्रम राठौर को हल्द्वानी कोतवाली की कमान 13 सितंबर 2018 को मिली थी। भुप्पी हत्याकांड के बाद अभियुक्तों से मिलीभगत का आरोप लगने और शव रखकर थाने में प्रदर्शन करने पर एसएसपी ने विक्रम राठौर को लाइन हाजिर कर दिया और कोतवाल को निलंबित करने की संस्तुति डीआईजी को भेजी है।
दूसरे कोतवाल साहब केआर पांडे 30 जून 2017 से लेकर 12 सितंबर 2018 तक कोतवाल की कुर्सी की शोभा बढ़ाते रहे। गोरापड़ाव में हुई महिला की हत्या और लूट के मामले का खुलासा करने में विफल होने पर उन्हें एसएसपी ने हटाया था। उनसे पहले निरीक्षक नरेश चौहान 16 मई 2017 को हल्द्वानी के कोतवाल नियुक्त हुए थे लेकिन निर्वाण संस्था से एक मरीज के भागने और उसकी हत्या होने पर उच्चाधिकारी नाराज हो गए। डीजीपी के आदेश पर कोतवाल नरेश चौहान को 30 जून 17 को हटाया गया था।
उनसे पहले यहां कोतवाल की कुर्सी राजेंद्र सिंह ह्यांकी ने संभाली थी। उनके कार्यकाल में पंकज खंडेलवाल की हत्या की गई थी। बवाल के बाद 2006 में राजेंद्र सिंह ह्यांकी को एसएसपी ने हटाया था। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए एसटीएफ के तत्कालीन निरीक्षक दिनेश चंद्र ढौडियाल को तैनात किया गया था। 

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