उत्तराखंड में बारिश और बर्फबारी ने तोड़े दशकों के रिकॉर्ड!

मौसम तेरे रंग अनेक

  • जौनसार बावर की ऊंची चोटियों पर हुए हिमपात ने तोड़ा 40 साल का रिकॉर्ड
  • त्यूनी में 40 वर्ष बाद और अलसी गांव में करीब 30 साल बाद हुई बर्फबारी
  • महासू मंदिर हनोल बर्फबारी के आगोश में समाया, यहां भी 18 साल बाद गिरी बर्फ
  • पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी और डीडीहाट में आज सुबह भी बर्फबारी जारी  
  • भीमताल के जंगलियागांव और कर्कोटक की पहाड़ियों में 25 साल बाद हुई बर्फबारी  

देहरादून। बीते मंगलवार से आज बृहस्पतिवार तड़के तक उत्तराखंड में हुई लगातार बारिश और बर्फबारी से दशकों के रिकॉर्ड टूट गये हैं। जौनसार बावर की ऊंची चोटियों पर हुए हिमपात से 40 साल के रिकॉर्ड टूट गए हैं। इसके साथ ही कई ऊंची चोटियां और तलहटी में बसे गांव पूरी तरह से बर्फबारी के आगोश में समा गए हैं।
धनोल्टी में सुबह से ही बर्फबारी हो रही है। वहीं मसूरी और नैनीताल व आस-पास के क्षेत्र में भी देर शाम वादियां बर्फ से लकदक हो गईं। त्यूनी में आखिरी बार 80 के दशक में हिमपात हुआ था। इसके अलावा अलसी गांव में करीब 30 साल बाद बर्फबारी हुई है। महासू मंदिर हनोल भी बर्फबारी के आगोश में समा गया है। यहां भी करीब 18 साल बाद बर्फबारी का नजारा देखने को मिला है। ये ऊंची चोटियां दूर से ही पर्यटकों को खासा लुभा रही हैं।

चकराता छावनी बाजार क्षेत्र में एक फीट तक बर्फ की मोटी चादर बिछ गई है। लोखंडी, बुधेर, कनासर, मोइला टॉप, देववन में चार से पांच फीट तक बर्फ की मोटी चादर बिछ गई है। बैराटखाई और नागथात क्षेत्र में भी करीब तीन साल बाद बर्फबारी का नजारा देखने को मिला है। मसूरी में दिनभर की बारिश के बाद शाम करीब पांच बजे से बर्फबारी शुरू हुई तो होटलों में ठहरे सैलानी बर्फबारी का लुत्फ उठाने बाहर निकल आए। टिहरी जिले के धनोल्टी, नई टिहरी, चंबा, सुरकंडा, कद्दूखाल आदि क्षेत्रों में अपराह्न बाद जमकर बर्फबारी हुई।      
देर शाम मसूरी में बर्फबारी के बाद आलम यह है कि धनोल्टी, लंबगांव-प्रतापनगर, लंबगांव-कोटालगांव-चमियाला, नगुन-भवान, घनसाली-तिलवाड़ा मोटर मार्ग पर आवाजाही बंद हो गई। वहीं पर्यटकों को कुठालगेट से आगे पर्यटकों की आवाजाही बंद कर दी है।

लगातार तीन दिन बारिश और बर्फबारी के बाद आज गुरुवार को मौसम खुल गया है। राजधानी सहित राज्य के अधिकतर इलाकों में आज सुबह ही धूप खिल आई है। वहीं कई पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी जारी है।
पिथौरागढ़ जिले के मुनस्यारी और डीडीहाट में आज सुबह भी बर्फबारी जारी रही।मुनस्यारी मुख्यालय में लगभग सवा फीट बर्फ जम चुकी है। चंपावत और पाटी में भी जमकर बर्फ पड़ी है। वहीं रानीखेत के चौबटिया में बुधवार को साल का पहला हिमपात हुआ है। रुद्रपुर में बादल छाए हैं।  जसपुर और पंतनगर में बादल और कोहरा छाया है। यहां शीतलहर चलने से ठडं बढ़ गई है।
भीमताल के जंगलियागांव और कर्कोटक की पहाड़ियों में 25 साल बाद बर्फबारी हुई। चम्पावत और लोहाघाट में हिमपात और मौसम खराब होने से प्रशासन ने टनकपुर-चम्पावत मार्ग में टनकपुर से आगे यातयात पर रोक लगाई है। आज सुबह से चम्पावत की ओर वाहनों को नहीं जाने दिया जा रहा है। वाया हल्द्वानी होकर वाहन जा रहे हैं।

नई टिहरी और आसपास के क्षेत्रों में रात भर जमकर बर्फबारी हुई है। चंबा, धनोल्टी और जौनपुर के सैकड़ों गांव में विद्युत आपूर्ति रात भर से ठप है। श्रीनगर और आसपास के क्षेत्रों में आज तीन दिन बाद बारिश थम गई है। यहां धूप निकलने की उम्मीद है। चमोली जिले में भी मौसम खुला है। यहां तीन दिन बाद बारिश और बर्फबारी थमी है। रुद्रप्रयाग में निचले इलाकों में बुधवार को रातभर बारिश हुई। ऊपरी क्षेत्रों में हुई भारी बर्फबारी होने से कई गावों का संपर्क कट गया है। केदारनाथ में आठ फीट से अधिक नई बर्फ गिर चुकी है। मौसम विभाग ने देहरादून में आज भी बादल छाए रहने का अनुमान जताया है। दून और आसपास के कुछ इलाकों में बारिश भी हो सकती है। इसके बाद 10 और 11 जनवरी को शीतलहर का रेड अलर्ट जारी किया गया है। पर्वतीय और ऊंचाई वालों के इलाकों में भारी बर्फबारी के चलते प्रदेश भर में 40 मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं। इनमें लोक निर्माण विभाग के 26 प्रमुख मार्ग भी शामिल हैं।

उत्तरकाशी और चमोली जिले में बर्फ में कैद गांवों की संख्या बढ़कर करीब 330 पहुंच चुकी है। वहीं रुद्रपुर में ठंड से एक बुजुर्ग की मौत हो गई। कुमाऊं में कम से कम चार मार्ग बंद हो गए हैं। देर शाम नैनीताल शहर में व ऊंचाई वाले क्षेत्रों के साथ ही धानाचूली और पहाड़पानी इलाकों में बर्फबारी शुरू हो गई। कुमाऊं में मुनस्यारी, धारचूला, बिनसर, मुक्तेश्वर, नैनीताल, धानाचूली में हिमपात से कुमाऊं कड़ाके की ठंड की चपेट में है। बारिश-बर्फबारी से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। बागेश्वर जिले के कपकोट के बदियाकोट क्षेत्र में बाछम, तीख, खाती, सोराग, कालू, किलपारा, कुवारी, डौला, बोरबलड़ा में करीब दो फीट तक बर्फबारी हो चुकी है। 

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