दून : ‘नौ कन्नौजिये 13 चूल्हे’ जैसे हुए कांग्रेस के हाल!

…तो अब क्या करेंगे

  • पार्टी नेताओं और संगठन से नहीं संभल पा रही विधायकों की नाराजगी
  • राज्यपाल से मिलने गये विधायकों में शामिल रहे मात्र छह विधायक
  • राजभवन गए कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल में शामिल नहीं हुए पांच विधायक
  • प्रीतम विधायकों के संपर्क में, नेता प्रतिपक्ष वेट एंड वाच की भूमिका में

देहरादून। उत्तराखंड में कांग्रेस के हाल ‘नौ कन्नौजिये 13 चूल्हे’ जैसे दिखने लगे हैं। हरीश रावत को कथित रूप से अलग थलग करने और हाशिये पर धकेलने की चर्चाओं के बाद पार्टी में अंदरूनी कलह बीच चौराहे पर आ गई है। इसी के चलते कांग्रेस विधायकों की नाराजगी का मामला कांग्रेस से संभाले नहीं संभल रहा है।  केंद्र की मोदी सरकार और उत्तराखंड सरकार की नीतियों के खिलाफ शिकायतों को दर्ज कराने के लिये राजभवन में गए प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस के पांच विधायकों के शामिल न होने को भी इसी नाराजगी का हिस्सा माना जा रहा है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने हालांकि विधायकों की नाराजगी को दूर करने के लिए आगे आने का इरादा जताया है, लेकिन विधानमंडल दल के स्तर पर अभी कोई पहल नहीं हुई है। माना जा रहा है कि इंदिरा हृदयेश फिलहाल चुप रहकर इंतजार करने का मन बनाए हुए हैं।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत की उपेक्षा से नाराज कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा सत्र के दौरान सभी विधायकों की संयुक्त बैठक कर मामले को सुलझाने की बात की थी। इसी बीच नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश का धारचूला विधायक हरीश धामी के खिलाफ बयान सोशल मीडिया पर तैर गया। इससे हरीश धामी सहित अन्य विधायक नाराज हो गए। इनकी नाराजगी मंगलवार को मीडिया के सामने खुलकर आ गई।  इसी के चलते सभी विधायकों की संयुक्त बैठक का मसला भी अधर में लटक गया। बुधवार को राज्यपाल से मिलने के दौरान कांग्रेस के सामने विधायकों की बैठक का एक मौका था, लेकिन पांच विधायकों के न आने के कारण यह बैठक नहीं हो पाई। अब बताया जा रहा है कि इस मामले को लेकर अब कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने पहल करने का इरादा जाहिर किया है। यह पहल किस तरह की होगी और इसमें नेता प्रतिपक्ष का प्रीतम को कितना साथ मिलेगा, यह अभी स्पष्ट नहीं है।
उधर नेता प्रतिपक्ष इस मामले में कोई पहल करने या कदम उठाने के मूड में नहीं है। सूत्रों के मुताबिक इंदिरा विधायकों की नाराजगी को परख रही हैं और उनका इरादा वेट एंड वाच का है। इंदिरा इस मामले में सीधे कुछ कहने को तैयार भी नहीं हैं। उधर प्रीतम सिंह दावा कर रहे हैं कि विधायकों में कोई गुटबाजी नहीं है। महंगाई, भ्रष्टाचार समेत अन्य कई मुद्दों को लेकर बुधवार को कांग्रेस विधायक दल ने बुधवार को राज्यपाल बेबी रानी मौर्य से मुलाकात कर हस्तक्षेप की मांग की। 
राज्यपाल से मिले प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि प्रदेश सरकार अपने वादों पर खरी नहीं उतर रही है। प्रदेश में कानून व्यवस्था का बुरा हाल है। किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है। करीब आधा घंटे की मुलाकात में कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से विभिन्न मुद्दाें पर बात की और नौ सूत्री ज्ञापन सौंपा। सूत्रों के मुताबिक राज्यपाल ने प्रतिनिधिमंडल से भ्रष्टाचार की रोकथाम से लेकर अन्य मुद्दों पर सीधी बात की।
इस मौके पर कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने राज्य में जल्द ही लोकपाल के गठन की मांग की, जिस पर राजभवन ने भी सहमति जताई।कांग्रेस नेताओं का कहना था कि पार्टी और विधायक दल की ओर से भी इस मांग को उठाया जाएगा। राज्यपाल से मिलने वालों में नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, विधायक दल के उपनेता करन माहरा, विधायक फुरकान अहमद, आदेश चौहान, ममता राकेश, पूर्व विधायक राजकुमार और अनसुइया प्रसाद मैखुरी, महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा, गरिमा दसौनी आदि नेता प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे। 

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