आईएएस से बड़े ‘दिलवाले’ निकले पीसीएस अफसर!

उत्तराखंड की माटी से किसका कितना जुड़ाव

  • मुख्यमंत्री राहत कोष में आईएएस अधिकारियों ने किया पांच लाख का योगदान तो पीसीएस अफसर देने जा रहे करीब 80 लाख
  • कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में मुख्यमंत्री के प्रयासों को ‘मजबूत’ करने के लिये अपना 15 दिन का वेतन देंगे पीसीएस

देहरादून। उत्तराखंड पीसीएस (कार्यकारी शाखा) एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री राहत कोष में गत मार्च माह का 15 दिन का वेतन देने की घोषणा की है।
उत्तराखंड पीसीएस (कार्यकारी शाखा) एसोसिएशन के अध्यक्ष मेजर योगेंद्र यादव ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र लिखकर यह जानकारी दी है। उन्होंने अपने पत्र में मुख्यमंत्री को संबोधित करते हुए कहा है कि आपके नेतृत्व में उत्तराखंड सरकार कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिये जी जान से जुटी है। जिसमें जरूरतमंदों की मदद और इलाज समेत विभिन्न मदों में सरकार को भारी धनराशि खर्च करनी पड़ रही है। इस पुनीत कार्य में उत्तराखंड पीसीएस (कार्यकारी शाखा) एसोसिएशन पूरी तरह आपके साथ है और उसके सभी सदस्यों ने अपने 15 दिन के वेतन का योगदान मुख्यमंत्री राहत कोष में करने का निर्णय लिया है।  
गौरतलब है कि उत्तराखंड में पीसीएस अफसरों की संख्या 159 है और उनका वेतन कम से कम 80 हजार से लेकर दो लाख तक है। इस हिसाब से कम से कम 80 लाख रुपये मुख्यमंत्री राहत कोष में उत्तराखंड पीसीएस (कार्यकारी शाखा) एसोसिएशन की ओर से मदद के तौर पर दिये जाएंगे। दूसरी ओर देवभूमि में करीब 100 के आसपास आईएएस अफसर हैं जिन्होंने मुख्यमंत्री राहत कोष में कुल मिलाकर पांच लाख रुपये का योगदान दिया है। जिसमें से एक आईएएस अफसर के हिस्से में मात्र पांच हजार रुपये ही आते हैं। दूसरी ओर कई निजी संस्थाओं और लोगों ने अपनी हैसियत से बढ़कर मुख्यमंत्री राहत कोष में लाखों रुपये जमा कराये हैं। जिससे पता चलता है कि आदमी पैसे से नहीं, दिल से अमीर होता है। 

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