हे! देवभूमि तेरा क्या होगा : मलारी हाईवे पर चौथे दिन भी भूस्खलन जारी तो केदारनाथ में रोज विस्फोटों से चटकाये जा रहे हिमखंड! देखें वीडियो…

देहरादून। लगातार भूस्खलन से भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाला मलारी हाईवे चार दिनों से बंद पड़ा है। हाईवे पर तमक स्थान पर पहाड़ी से लगातार पत्थर और मलबा गिर रहे हैं। जिससे सेना के साथ ही दर्जनों गांवों के लोगों की आवाजाही ठप हो गई है।
गौरतलब है कि जोशीमठ-मलारी हाईवे पर शुक्रवार को सुराईथोटा और तमक के बीच भूस्खलन होने से यातायात ठप हो गया था। बीआरओ की जेसीबी हाईवे खोलने में जुटी हैं, लेकिन पहाड़ी से लगातार मिट्टी और पत्थर गिर रहे हैं, जिससे हाईवे खोलने में दिक्कत हो रही हैं। हाईवे बंद होने से सेना और क्षेत्र के कई गांवों के लोगों की आवाजाही ठप पड़ी है।
उधर केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यों में विस्फोटकों का जमकर इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे हिमखंडों के चटकने का खतरा बना हुआ है। हालांकि धाम में मौजूद तीर्थपुरोहितों के विरोध के बाद कार्यदायी संस्था ने विस्फोट रोक दिए हैं। तीर्थ पुरोहितों ने शासन-प्रशासन से मामले में कार्रवाई की मांग की है। रविवार से सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। इसमें केदारनाथ निर्माण कार्य के दौरान विस्फोट किया जा रहा है। तीर्थपुरोहित इसका विरोध करते हुए कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

केदार सभा के अध्यक्ष विनोद शुक्ला व आचार्य संतोष त्रिवेदी ने बताया संगम घाट के पास बोल्डर तोड़ने के लिए कार्यदायी संस्था की ओर से आए दिन तीन से चार विस्फोट किए जा रहे हैं। जिससे हिमखंडों के चटकने का खतरा मंडरा रहा है। जून 2013 की आपदा के बाद से केदारनाथ में जब से पुनर्निर्माण कार्य शुरू हुए हैं, यहां कई मौकों पर विस्फोट किए गए हैं। इससे पूरे क्षेत्र की पहाड़ियां कच्ची हो गई हैं। इससे किसी भी समय बड़ी अनहोनी हो सकती है। वहीं डीडीएमए के अधिशासी अभियंता प्रवीण कर्णवाल का कहना है कि नए घाट के निर्माण के लिए 11 मीटर खुदाई होनी है। 9 मीटर खुदाई हो चुकी है। नीचे काफी भारी बोल्डर लगे हैं। इन्हें तोड़ने के लिए कंट्रोल ब्लास्टिंग की गई थी, लेकिन तीर्थ पुरोहितों के विरोध के बाद से ठेकेदार को विस्फोट न करने के लिए कहा गया है।
उधर सोशल मीडिया पर केदारनाथ में विस्फोट के वीडियो का संज्ञान लेते हुए डीएम मनुज गोयल ने जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने ऊखीमठ के एसडीएम जितेंद्र कुमार को पूरे प्रकरण के बारे में रिपोर्ट देने को कहा है। डीएम ने बताया कि वीडियो को कई बार देखने के बाद पता चल रहा है कि विस्फोट हुआ है। यह विस्फोट क्यों किया गया, इसकी जांच शुरू कर दी गई है। रिपोर्ट आने के बाद स्थिति साफ हो जाएगी।
इस मामले में वाडिया संस्थान से सेवानिवृत्त वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. डीपी डोभाल ने केदारनाथ में हो रहे पुनर्निर्माण कार्यों में विस्फोट पर हैरानी जताई है। उनका कहना है कि पूरा क्षेत्र कच्चा है और पहले से अति संवेदनशील है। बरसात के मौसम में विस्फोट से बड़े हिस्से में भूस्खलन व भूधंसाव हो सकता है। साथ ही जो निर्माण हो रखा है, वह भी धंस सकता है। केदारनाथ की भौगोलिक परिस्थितियों और पूर्व में हुए भारी नुकसान को ध्यान में रखते हुए वहां कम से कम स्थायी निर्माण होना चाहिए। इसके बावजूद प्रकृति के संकेतों को नजरअंदाज किया जा रहा है। 

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