पीड़िता का पूरा परिवार मिटाने पर तुला गैंगरेप का आरोपी विधायक!

यक्ष प्रश्न : गैंगरेप पीड़िता के परिजन ही क्यों हो रहे हादसों का शिकार  

  • गैंगरेप पीड़िता के परिजनों की हत्या और जुल्मों पर सवालों के कठघरे में आई योगी सरकार
  • कांग्रेस महासचिव प्रियंका और बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर घटना को बताया साजिश 
  • राज्यसभा में भी गैंगरेप पीड़िता के परिवार के साथ हो जुल्मों पर आज सोमवार को हुआ हंगामा
  • भाजपा आलाकमान पर उठ रहे सवाल, अब तक पार्टी से क्यों नहीं निकाला गया आरोपी विधायक
  • अब दुष्कर्म पीड़िता की कार में ट्रक ने मारी टक्कर, दो की मौत, पीड़िता की हालत नाजुक
  • हादसे में पीड़िता की चाची और एक अन्य रिश्तेदार की मौत, वकील की भी हालत नाजुक
  • गैंगरेप कांड में मुख्य आरोपी हैं सत्ताधारी भाजपा के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर  
  • ऐसे में दुर्घटना के पीछे साजिश की आशंका जताते विपक्ष ने की सीबीआई जांच की मांग  
  • ट्रक की नंबर प्लेट पर कालिख पुते होने और गनर के गायब रहने से भी खड़े हो रहे हैं कई सवाल 
  • पीड़ित किशोरी की सुरक्षा में तैनात दो गनर और चार महिला सिपाही हादसे के समय नहीं थे साथ 
  • पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में विधायक सेंगर के भाई समेत पांच लोग नामजद 
  • गैंगरेप की पीड़‍ित लड़की के प‍िता की मौत के चश्‍मदीद गवाह यूनुस की भी अचानक मौत 

लखनऊ/उन्नाव/रायबरेली। यूपी के बहुचर्चित उन्नाव गैंगरेप केस की पीड़िता की कार को आज रविवार को एक ट्रक ने जानबूझकर टक्कर मारकर कुचल दिया जिससे हादसे में पीड़िता की चाची और एक अन्य रिश्तेदार की मौत हो गई, जबकि उनके वकील की भी हालत नाजुक है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार ट्रक की स्पीड 120 किमी से भी ज्यादा थी। इस गैंगरेप कांड में सत्ताधारी भाजपा के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर मुख्य आरोपी हैं। ऐसे में हादसे के पीछे साजिश की आशंका जताते विपक्ष ने सीबीआई जांच की मांग की है। इस मामले में अब नया ‘हादसा’ हो गया है। उधर आज सोमवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका ने ट्वीट कर इस हादसे में साजिश की आशंका जताई है और योगी सरकार पर सवाल उठाये हैं। उधर बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट कर कहा कि यह साजिश है और सुप्रीम कोर्ट को इसका संज्ञान लेकर कार्रवाई की जानी चाहिये। वहीं आज राज्यसभा में गैंगरेप पीड़िता के परिजनों की हत्या और जुल्मों पर जमकर हंगामा हुआ। हालांकि ट्रक का मालिक और ड्राइवर भी गिरफ्तार कर लिये गये हैं।

रविवार को रायबरेली में हुए हादसे में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली पीड़िता की चाची व मौसी की मौत हो गई, जबकि उनके वकील महेंद्र सिंह चौहान की हालत नाजुक बनी हुई है। पीड़िता को लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है। इस बारे में एडीजी राजीव कृष्ण का कहना है कि डॉक्टरों के मुताबिक पीड़िता और उनका वकील लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर हैं। वहीं भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली पीड़िता की गाड़ी की ट्रक से हुई टक्कर के बाद तमाम सवाल खड़े हो रहे हैं।
किशोरी और उसके परिवार की सुरक्षा में घटना के बाद से दो गनर और चार महिला कांस्टेबल सुरक्षा में तैनात हैं। इनमें एक गनर और दो महिला कांस्टेबल किशोरी के साथ और एक गनर व दो महिला कांस्टेबल घर की सुरक्षा में लगाए गए हैं। रविवार को किशोरी अपने वकील और परिवार के सदस्यों के साथ चाचा से मिलने रायबरेली जेल जा रही थी, लेकिन उनके साथ कोई सुरक्षाकर्मी नहीं गया। एसपी एमपी वर्मा ने बताया कि किशोरी के साथ सुरक्षाकर्मी क्यों नहीं गए इसकी जांच कराई जा रही है। अगर लापरवाही सामने आई तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

ट्रक की नंबर प्लेट पर कालिख पुते होने और गनर के गायब रहने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। दरअसल जिस ट्रक से पीड़िता की गाड़ी की टक्कर हुई उसके नंबर प्लेट पर कालिख पोती गई थी। जिससे माना जा रहा है कि ट्रक का नंबर छिपाने की कोशिश की गई थी। गौरतलब यह है कि यह पहली बार नहीं है, जब इस केस से जुड़े किसी हादसे को लेकर सवाल उठे हैं। इससे पहले भी पीड़ित परिवार के साथ समय-समय पर कई ‘हादसे’ हुए और ये ‘हादसे’ अपने पीछे कई सारे सवाल भी छोड़ गए। उन्नाव गैंगरेप केस में पीड़िता को न्याय के लिए लंबी लड़ाई लड़नी पड़ी। काफी शिकायतों के बाद भी पुलिस मामले को टरकाने में जुटी रही। इसके बाद पीड़िता द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के लखनऊ स्थित सरकारी आवास के बाहर आत्मदाह की कोशिश किए जाने के बाद यह मामला उछला। इसके बाद सीएम की सख्ती पर पुलिस ने कार्रवाई तेज की। विधायक सेंगर गिरफ्तार हुए। इसके बाद हाई कोर्ट की सख्ती पर सीबीआई ने जांच तेज की।
पीड़िता ने वर्ष 2017 में उन्नाव से भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर बलात्कार का आरोप लगाया था। इस मामले में सेंगर की गिरफ्तारी के बाद पीड़ित परिवार के लिए मुश्किलें और बढ़ गईं। उन्हें लगातार धमकियां मिलने लगीं। पीड़िता के पिता को पिछले साल पुलिस ने गैंगरेप के आरोपी भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर की शह पर फर्जी तरीके से पांच अप्रैल को ऑर्म्स एक्ट के तहत गिरफ्तार किया गया था और उसको पेड़ से बांधकर बुरी तरह मारा और उनकी मौत हो गई। पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में मौत के मामले में फजीहत के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने आश्वासन दिया था कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। पीड़िता के पिता की हत्या के मामले में सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में विधायक सेंगर के भाई समेत पांच लोगों का नाम शामिल किया था। 
इसके बाद गैंगरेप की पीड़‍ित लड़की के प‍िता की मौत के चश्‍मदीद गवाह यूनुस की भी अचानक मौत हो गई। बताया गया कि वह अचानक बीमार हो गया था। बाद में यूनुस के पर‍िजनों ने भी पुलिस के दबाव में उसके शव को बगैर पोस्‍टमॉर्टम कराए जदफना द‍िया। बता दें क‍ि यूनुस की मौत 18 अगस्‍त हो गई थी जो उन्‍नाव कांड में मुख्‍य गवाह था। उसकी मौत के बाद पीड़‍ित के चाचा ने एसपी उन्‍नाव हरीश कुमार से दोबारा पोस्‍टमॉर्टम कराए जाने की गुहार लगाई थी। 
इस मामले में अब नया ‘हादसा’ हो गया है। रविवार को हुए इस हादसे में एक बेकाबू ट्रक ने एक कार को टक्कर मार दी। इसमें उन्नाव दुष्कर्म मामले की पीड़िता, उसके रिश्तेदार और वकील बैठे हुए थे। इस घटना में पीड़िता की चाची और एक अन्य रिश्तेदार की मौत हो गई, जबकि पीड़िता और वकील गंभीर रूप से घायल हो गए। 
उन्नाव से भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली किशोरी के चाचा रायबरेली जेल में बंद हैं। किशोरी के चाचा को विधायक के छोटे भाई जयदीप सिंह उर्फ अतुल सिंह सेंगर पर जानलेवा हमले में 10 साल की सजा हुई है। घटनाक्रम के मुताबिक वर्ष 2000 में ग्राम पंचायत चुनाव के दौरान अतुल सेंगर ने किशोरी के चाचा पर जानलेवा हमले का मुकदमा दर्ज कराया था।
मुकदमा विचारण के दौरान 4 अक्तूबर 2004 को मुकदमे का फैसला सुनाते हुए न्यायाधीश ने न्यायालय में उपस्थित किशोरी के पिता और छोटे चाचा को दोषमुक्त कर दिया था। जबकि तीसरा आरोपी (किशोरी के बड़े चाचा) फैसला सुनाए जाने के वक्त न्यायालय में पेश नहीं हुए। इसी मुकदमे में न्यायालय ने नवंबर 2018 को गैर जमानती वारंट जारी किया था। 20 नवंबर को माखी थाना पुलिस ने किशोरी के चाचा को उसके दिल्ली स्थित घर से गिरफ्तार किया था। पहले उन्हे उन्नाव जेल में न्यायिक हिरासत में रखा गया बाद में रायबरेली जेल शिफ्ट कर दिया गया था। विधायक के छोटे भाई पर हुए जानलेवा हमले की मुकदमे में दो जुलाई 2019 को फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम के न्यायाधीश प्रहलाद टंडन ने दस साल कारावास की सजा सुनाई थी।
किशोरी के परिवार के लोगों के अनुसार किशोरी व उसकी चाची अपने वकील महेंद्र सिंह के साथ सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करने के लिए कागजात तैयार कराने के लिए रायबरेली जेल जा रहे थे।
विधायक पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली किशोरी व उसकी चाची ने पंद्रह दिन पहले विधायक पक्ष के लोगों पर मुकदमे में सुलह का दबाव बनाने और धमकाने का आरोप लगाते हुए एसपी और सीबीआई को प्रार्थनापत्र दिया था। इसी प्रकरण में जांच करने के लिए 22 जुलाई को सीबीआई की चार सदस्यीय टीम ने गांव पहुंचकर परिवार से बात भी की थी। इसके बाद रविवार को यह हादसा हो गया।

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