सिस्टम पर सवाल
- जनता की खून पसीने की करोड़ों की धनराशि पानी में बहाने के जिम्मेदारों से कैसे होगी वसूल
- डीएम ने जारी किए नोटिस, नदी क्षेत्र में बने 220 सरकारी दफ्तर और घर कराए जाएंगे खाली
देहरादून। राजधानी में रिस्पना नदी क्षेत्र में बने 220 घर और सरकारी दफ्तर खाली कराए जाएंगे। जिला प्रशासन ने रिस्पना नदी क्षेत्र में बने इन भवनों के स्वामियों और प्रभारियों को खाली कराने के नोटिस जारी कर 12 दिन का समय दिया है। इन भवनों में थाना रायपुर और इसके पास ननूरखेड़ा में बना होमगार्ड निदेशालय भी शामिल है। जनपद में ऐसे 1400 से ज्यादा निर्माण हैं जो कालांतर में नदी क्षेत्र में हुए हैं। यहां यह सवाल उठ रहा है कि जनता के खून पसीने की करोड़ों की कमाई को इस तरह बर्बाद
करने के लिये कौन जिम्मेदार लोग हैं और किनसे इसकी वसूली की जाएगी।
गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने जनहित याचिकाकर्ता पवन कुमार बनाम उत्तराखंड के मामले में डूब क्षेत्र (नदी श्रेणी में दर्ज भूमि) बने निर्माणों को खाली कराए जाने के आदेश दिए थे। उपजिलाधिकारी सदर कमलेश मेहता ने बताया कि नदी क्षेत्र की इस भूमि की श्रेणी बदलकर प्रशासन ने ही पट्टे आवंटित किए थे। समय समय पर विभिन्न कार्यालयों के लिए सरकार ने भी यह जमीन अधिग्रहण की थी। लिहाजा, यहां पर विभिन्न विभागों के बड़े-बड़े दफ्तर बनाए गए हैं।
बीते लगभग 10 माह पहले सभी लेखपालों को सर्वे करने के आदेश दिए थे। इस सर्वे के आधार पर शहर क्षेत्र में लगभग 220 निर्माण, जिनमें सरकारी दफ्तर और निजी घर बने हुए हैं, नदी क्षेत्र में पाए गए हैं। ये वह निर्माण हैं जिनकी प्रविष्टियां बाकायदा खतौनियों में दर्ज हैं। ऐसे में नियमानुसार इन्हें खाली कराने के लिए नोटिस जारी किए गए हैं। प्रशासन ने यह कार्रवाई पिछले साल अगस्त में आए हाईकोर्ट के आदेश के पालन में की है।
जिलाधिकारी सी रविशंकर ने बताया कि न्यायालय के आदेशों का पालन किया जा रहा है। जो निर्माण नदी क्षेत्र के तहत पाये गये हैं, उन्हें नोटिस भेजे जा रहे हैं। नियमानुसार सभी पर कार्रवाई की जाएगी।