मसूरी में हिमालयन कॉन्क्लेव शुरू, ग्रीन बोनस, आपदा प्रबंधन व जल संरक्षण पर चर्चा

देहरादून। हिमालय पर्वतश्रृंखला की गोद में बसे राज्यों का सम्‍मेलन हिमालयन कान्क्लेव की रविवार को उत्तराखंड के मसूरी में शुरुआत हो गई। सम्‍मेलन में हिस्‍सा लेने के लिए वित्‍तमंत्री निर्मला सीतारमण भी पहुंची हैं। इस कार्यक्रम में सभी हिमालयी राज्‍यों के मुख्‍यमंत्री भी शामिल हो रहे हैं। इस सम्‍मेलन में ग्रीन बोनस, आपदा प्रबंधन, बुनियादी विकास और जल संरक्षण जैसे विषयों पर चर्चा होनी है। कार्यक्रम में साझा फ्रेमवर्क बनाने पर भी चर्चा की जाएगी।

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, मेघालय के मुख्यमंत्री केसी संगमा इसमें शिरकत कर रहे है। नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो, अरुणाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री चौना मेन, मिजोरम के मंत्री, त्रिपुरा के मंत्री मनोज कांति देव भी इस सम्‍मेलन में हिस्‍सा लेंगे। सिक्किम के मुख्यमंत्री के सलाहकार डॉ महेंद्र पी लामा, जम्मू कश्मीर के राज्यपाल के सलाहकार केके शर्मा, नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार भी इसमें हिस्‍सा लेने पहुंचे हैं। मुख्‍यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सुबह 10 बजे सम्‍मेलन में आए सभी अतिथियों का स्वागत किया। सम्मेलन में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत, हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, मेघालय के मुख्यमंत्री सी संगमा, नगालैंड के मुख्यमंत्री मौजूद हैं। इसके अलावा 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष और नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार भी इस सम्मेलन में मौजूद हैं।
हिमालय राज्य इस सम्मेलन में अपनी समस्याओं को केंद्र के आला पदाधिकारियों के सामने रखने की तैयारी में है। सभी हिमालय राज्य इस बात पर एकजुट हैं कि उन्हें पर्यावरण संरक्षण के लिए ग्रीन बोनस दिया जाए। खबर है कि 15वें वित्त आयोग में ग्रीन बोनस का प्रावधान किया है। इसमें राज्य के बजट का 7.5 फीसदी सीधा दिए जाने की बात कही गई है। सभी राज्य इस के दोगने की बात कर रहे हैं, यानी ग्रीन बोनस राज्य के बजट का सीधा 15 फीसदी होना चाहिए। इन राज्यों का तर्क है सभी पहाड़ी हिमालई राज्य आपदाओं से घिरे रहते हैं। कभी बर्फ के कारण परेशानी होती है तो कभी मॉनसून के दौरान बादल फटने और भूस्खलन से भारी क्षति होती है।

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