सऊदी अरब में पिंजरे से ‘आजाद’ हो रहीं महिलायें!

‘परवाज’ भरने को खुला आसमान

  • महिलाओं को अब शादी के लिए नहीं लेनी होगी पुरुष अभिभावकों की मंजूरी 
  • क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान के विजन 2030 के तहत लिये जा रहे फैसले
  • पिछले साल सऊदी में महिलाओं को ड्राइविंग करने की मिली थी आजादी  
  • पहले महिलाओं को यात्रा के लिए परिवार के पुरुष सदस्य की लेनी होती थी मंजूरी 
  • सऊदी में पिछले दो साल में महिलाओं के लिए नियमों में किए गए कई बदलाव 
  • महिलाओं को ड्राइविंग करने और स्टेडियम में मैच देखने की मिल चुकी है छूट  

रियाद। सऊदी अरब में महिलाओं के लिये एक और खुशखबरी है। वे अब बिना पुरुष अभिभावकों की मंजूरी के विदेश यात्रा पर जा सकेंगी। सऊदी अरब सरकार ने यह आदेश जारी करते हुए पहली बार महिलाओं को यह छूट दी। इससे पहले पारंपरिक गार्जियनशिप सिस्टम के तहत महिलाओं को कानूनी रूप से स्थायी तौर पर अवयस्क माना जाता था। इसके चलते परिवार के पुरुष (पिता, पति या अन्य रिश्तेदार) अभिभावकों को महिलाओं पर मनमाने तरीके से अधिकार जमाने का हक मिल जाता था।
सरकारी अखबार ओकाज ने शासन के सूत्रों के हवाले से बताया कि नए कानून के तहत अब 21 साल के ऊपर की महिलाएं खुद पासपोर्ट ले सकती हैं, शादी कर सकती हैं और बिना अभिभावक की इजाजत के देश भी छोड़ सकती हैं।
वॉशिंगटन में अरब गल्फ स्टेट्स इंस्टीट्यूट की क्रिस्टीन दीवान के मुताबिक, अब इस फैसले से महिलाओं को ज्यादा स्वायत्तता मिलेगी। अगर यह नियम पूरी तरह से लागू होता है तो महिलाओं को उनके जीवन का नियंत्रण देने का सऊदी अरब सरकार का यह बड़ा फैसला होगा। सऊदी अरब के इस फैसले मानवाधिकार संगठनों ने खुशी जताई है। सऊदी अरब शासन के अब महिलाओं को लेकर नियमों में ढील देना शुरू किया है। महिला अधिकारों के लिए लंबी लड़ाई लड़ने वाले लूजेन अल-हथलूल ने इसी हफ्ते सऊदी अरब में जेल में अपना 30वां जन्मदिन मनाया था। अपने हक के लिए आवाज उठाने वाली कई महिला कार्यकर्ता अब भी सऊदी अरब में सजा काट रही हैं। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मुहम्मद बिन सलमान के सत्ता में आने के बाद से यहां महिलाओं को कई हक मिले हैं। दो साल पहले महिलाओं को फुटबॉल स्टेडियम में बैठकर मैच देखने की इजाजत मिली थी। वहीं महिलाओं को ड्रा‌इविंग की छूट भी पिछले साल जून में दी गई थी। 2020 तक 30 लाख महिलाओं को ड्राइविंग लाइसेंस दिए जाने का लक्ष्य है।
गौरतलब है कि सऊदी अरब की गिनती दुनिया के सबसे कट्टरपंथी देश के तौर पर होती है, जहां महिलाओं के लिए पाबंदियां बहुत ज्यादा और सख्त हैं। हालांकि देश विजन 2030 के तहत तेल के निर्यात से होने वाले राजस्व पर निर्भरता कम करना चाहता है। प्रिंस सलमान इसके लिए देश में कई बदलाव कर रहे हैं। महिलाओं पर लगी पाबंदियों और नियम-कायदों को ढील देने के साथ सऊदी के लोगों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने जैसे फैसले लिए गए हैं।

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