कांग्रेस के लिये ‘वयस्क’ नहीं किशोर !

  • पूर्व प्रदेशाध्यक्ष का छलका दर्द
  • राहुल गांधी की रैली के दौरान खुलकर सामने आई नेताओं की गुटबाजी
  • मंच पर लगे बैन में नहीं लगाई गई हरीश रावत और किशोर की फोटो

देहरादून। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की परिवर्तन रैली के दौरान भले ही पार्टी नेताओं ने यह दिखाने की कोशिश की हो कि पार्टी में उनके बीच कोई गुटबाजी नहीं है, लेकिन जिस तरह पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय का घोर अपमान किया गया, उससे साबित हो गया है कि कांग्रेस के लिये किशोर अभी ‘वयस्क’ नहीं हो पाये हैं।
रैली के दौरान परेड ग्राउंड में बनाये गये मंच पर लगे बैनर से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के फोटो गायब थे। इसके साथ ही किशोर को प्रोटोकाल के अनुसार मंच पर भी जगह नहीं दी गई और न ही उन्हें बोलने का मौका दिया गया। अपने घोर अपमान को वह बर्दाश्त नहीं कर पाये और उनकी पीड़ा पत्रकारों के सामने फूट पड़ी। उन्होंने बेहद तल्ख लहजे में कहा कि मंच पर लगे बैनर में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष के फोटो लगाये जाने चाहिये थे। केवल इतनी ही बात होती तो वह मामला नहीं उठाते, लेकिन मंच से कई जूनियर नेताओं को बोलने का मौका दिया गया और उन्हें छोड़ दिया गया।
गौरतलब है कि किशोर टिहरी लोकसभा सीट के प्रबल दावेदारों में से एक हैं। पार्टी में जिस तरह का बर्ताव किशोर के साथ किया जा रहा है, इससे लगता है कि उनकी टिहरी सीट पर दावेदारी भी खतरे में है। उल्लेखनीय है कि किसी जमाने में हरीश रावत के साथ किशोर के मधुर संबंध हुआ करते थे। उनको राजनीति में आगे बढ़ाने और कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनवाने के पीछे हरीश रावत का हाथ था। हालांकि वर्ष 2017 में दोनों के रिश्तों में तनातनी आ गई थी। 
उस दौरान हुए विधानसभा चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दो सीटों—किच्छा और हरिद्वार ग्रामीण क्षेत्र से तथा किशोर ने सहसपुर विस क्षेत्र से चुनाव लड़ा था, लेकिन दोनों को ही हार का सामना करना पड़ा था। जिसका ठीकरा किशोर ने हरीश रावत के ही सिर पर फोड़ा था, उसके बाद उनके रिश्ते और खराब हो गये थे। गत चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह को बना दिया गया। इसके बाद किशोर ने हरीश के साथ नजदीकियां बढ़ाईं, लेकिन जल्दी ही उनका पटाक्षेप हो गया। राहुल की रैली में हुए अपमान से उनके और प्रीतम सिंह के बीच के रिश्तों की तल्खी जगजाहिर हो गई है। लगता है कि जब—जब किशोर ने अपने आपको पार्टी में ‘वयस्क’ साबित करने की कोशिश की तो वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें तवज्जो नहीं दी, जिसका उन्हें बेहद मलाल है।

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