बिछी चुनावी बिसात
- अल्मोड़ा से अजय टम्टा, हरिद्वार से निशंक और टिहरी से महारानी के नामों पर लगी मुहर
- भगतदा के इनकार के बाद नैनीताल से दावेदारों की दौड़ में अजय भट्ट का नाम आगे
- बेटे या अपने सबसे चहेते नेता तीरथ के चुनाव प्रचार को लेकर जनरल खंडूड़ी फिर दबाव में
देहरादून। जैसे—जैसे टिकट फाइनल होने की तस्वीर साफ हो रही है, वैसे—वैसे सियासी समीकरण बदलते जा रहे हैं। जहां भाजपा हाईकमान के सूत्रों के अनुसार अल्मोड़ा, हरिद्वार और टिहरी लोकसभा सीट पर निवर्तमान सांसदों क्रमश: अजय टम्टा, डा रमेश पोखरियाल और माला राज्यलक्ष्मी शाह को हरी झंडी मिल गई है, वहीं नैनीताल सीट से निवर्तमान सांसद भगत सिंह कोश्यारी के चुनाव मैदान में उतरने से हाथ खड़े कर देने के कारण भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट का नाम फाइनल होने की चर्चायें जोरों पर हैं।
इनके साथ ही सबसे हॉट बनी पौड़ी गढ़वाल सीट के लिये दावेदारों की दौड़ में तीरथ सिंह रावत का नाम लगभग फाइनल बताया जा रहा है। इससे गढ़वाल सीट पर तीरथ सिंह रावत और भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूडी के पुत्र मनीष खंडूड़ी के बीच मुकाबला तय माना जा रहा है। इसके बाद इस सीट पर लड़ाई बहुत रोचक इसलिये हो गई है क्योंकि एक तरफ खंडूड़ी का अपना बेटा हे तो दूसरी तरफ पूरे प्रदेश में खंडूड़ी का सबसे ज्यादा चहेता और प्रिय नेता तीरथ सिंह रावत। मनीष खंडूड़ी की तुलना में तीरथ सिंह रावत की प्रोफाइल ज्यादा मजबूत है। मनीष खंडूड़ी जहां सिर्फ बीसी खंडूड़ी के बेटे के रूप में जाने जाते हैं वहीं तीरथ सिंह रावत वर्ष 2000 में अंतरिम सरकार में मंत्री रह चुके हैं और विधायक के साथ ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वर्तमान में वह भाजपा के राष्ट्रीय सचिव और हिमाचल में चुनाव प्रभारी भी हैं। ऐसे में प्रोफाइल के हिसाब से देखा जाये तो रावत खंडूड़ी पर भारी पड़ सकते हैं।
गढ़वाल लोकसभा सीट पर बनने जा रहे इस रोचक सियासी समीकरण के निहितार्थ और भी हैं। अगर मनीष और तीरथ चुनावी जंग में आमने सामने होते हैं तो जनरल खंडूड़ी चुनाव प्रचार को लेकर एक बार फिर से भावनात्मक दबाव में आ जाएंगे। एक तरफ उनका अपना बेटा खड़ा है और दूसरी तरफ मुकाबले में उनका सबसे ज्यादा चहेता और प्रिय नेता तीरथ सिंह रावत है। उनके सामने फिर यह धर्मसंकट खड़ा हो गया है कि वह किसके पक्ष में शंखनाद करेंगे।
हालांकि माना जा रहा है कि खंडूड़ी भाजपा प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार करने के लिये मैदान में उतरेंगे।