हरिद्वार। नारसन चेकपोस्ट पर ट्रक वालों से 60 रुपये की पर्ची के नाम पर बरसों से 600 रुपये वसूल रहे आरटीओ कर्मचारियों की खबर मीडिया में आने के बाद आरटीओ ने कार्रवाई के नाम पर पूरे स्टाफ का ट्रांसफर कर हाथ झाड़ लिये हैं। आरटीओ कर्मचारियों द्वारा करोड़ों की अवैध वसूली का मामला सामने आने से महकमे की खूब किरकिरी हो रही थी।
आखिरकार कार्रवाई के नाम पर नारसन चेकपोस्ट पर तैनात सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को हटाकर अन्यत्र भेज दिया गया। नारसन चेक पोस्ट पर चांदी काट रहे इन कर्मचारियों और अधिकारियों पर मात्र ट्रांसफर कर देने से आरटीओ के फैसले पर सवाल उठने शुरू हो गये हैं। वसूली करने वाले दो कर्मचारियों को सीधे परिवहन मुख्यालय में अटैच कर दिया गया है। जबकि वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी को तिमली चेकपोस्ट संबद्ध कर दिया गया है।
गौरतलब है कि यह अवैध वसूली की खबर मीडिया की सुर्खियां बनी थीं। इसमें बताया गया था कि बीती 30 जनवरी को जिलाधिकारी ने आदेश जारी किया था कि वसूली में लिप्त सभी कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए, लेकिन विभाग ने मामले पर पर्दा डाला हुआ था।
मीडिया में खबर छपने के बाद परिवहन विभाग की नींद टूटी और हो रही किरकिरी से बचने के लिये परिवहन आयुक्त दीपेंद्र कुमार चौधरी ने नारसन चेकपोस्ट पर तैनात सभी कर्मचारियों को हटा दिया। उनकी जगह नए कर्मचारियों व अधिकारियों की तैनाती की गई है।
नारसन चेकपोस्ट पर तैनात वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी दिलबर सिंह गुसाईं को तिमली चेकपोस्ट से संबद्ध कर दिया गया है। दो प्रवर्तन पर्यवेक्षक, जिन पर 60 रुपये की पर्ची पर 600 रुपये वसूलने का आरोप था, उनको मुख्यालय में अटैच कर दिया गया है। उनकी जगह मुख्यालय से दो कर्मचारी भेजे गए हैं। इनके अलावा कर अधिकारी-2 के स्तर के दो अधिकारियों, तीन मिनिस्टीरियल कर्मचारियों को चिड़ियापुर चेकपोस्ट पर स्थानांतरित कर दिया गया है। उनके स्थान पर चिड़ियापुर चेकपोस्ट के कर्मचारियों को नारसन में तैनाती दी गई है।
नारसन में तैनात अन्य प्रवर्तन सिपाहियों, पर्यवेक्षकों को आशारोड़ी, तिमली और कुल्हाल चेकपोस्ट भेज दिया गया है। मामले में परिवहन आयुक्त दीपेंद्र कुमार चौधरी ने आरटीओ प्रवर्तन संदीप सैनी को जांच अधिकारी नामित किया है। एआरटीओ प्रवर्तन हरिद्वार सुरेंद्र कुमार को हरिद्वार के साथ ही रुड़की में भी काम करने और चेकपोस्टों पर प्रभावी नियंत्रण रखने के निर्देश दिए गए हैं। परिवहन आयुक्त ने कहा कि अब अगर प्रदेश के किसी भी चेकपोस्ट पर वसूली की शिकायत सामने आई तो उसके लिए संबंधित कर्मचारियों के साथ ही नियंत्रक अधिकारी एआरटीओ या आरटीओ भी जिम्मेदार माने जाएंगे। हालांकि उन्होंने माना कि नारसन चेकपोस्ट पर सामने आए मामले से विभाग की छवि धूमिल हुई है।