उत्तराखंड: राशिसं ने कहा, प्रधानाचार्यों के आधे पद सीधी भर्ती से भरने के प्रस्ताव पर पुनर्विचार करे सरकार

देहरादून। राजकीय शिक्षक संघ ने प्रदेश के शिक्षा मंत्री को पत्र लिखकर प्रधानाचार्यों के 50 प्रतिशत पद सीधी भर्ती से भरे जाने के प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने को कहा है कि यदि सिर्फ 10 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके प्रवक्ताओं को ही विभागीय परीक्षा हेतु अर्ह माना जाता है तो विभाग में कार्यरत 80 प्रतिशत शिक्षक विभागीय परीक्षा से (सअ एलटी, 2012 के उपरान्त सीधी भर्ती से नियुक्त प्रवक्ता एवं सअ एलटी से प्रदोन्नत प्रवक्ता) वंचित हो जाएंगे जो न्यायोचित नहीं है। अतः आपसे अनुरोध है कि विभागीय प्रस्तावानुसार 50 प्रतिशत पदों पर विभागीय परीक्षा के माध्यम से सिर्फ रामा विद्यालयों में कार्यरत सअ एलटी एवं प्रवक्ताओं को प्रधानाध्यापक हेतु प्रख्यापित पदोन्नति नियमावली के अनुरूप विभागीय परीक्षा में प्रतिभाग करने का अवसर दिया जाये।
राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय महामंत्री डॉ. सोहन सिंह माजिला ने शिक्षा मंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि मीडिया में आई खबरों से पता चला है कि सरकार राइंका में विभागीय परीक्षा माध्यम से 50 प्रतिशत प्रधानाचार्य के पद प्रवक्ता संवर्गों में 10 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके प्रवक्ताओं में से करने का प्रस्ताव कैबिनेट में ला रही है। उक्त प्रस्ताव की विसंगतियों के संबंध में आपको सादर अवगत कराना है कि शिक्षा विभाग की प्रख्यापित सेवा नियमावली के अनुसार प्रधानाचार्य के पद पर 5 वर्ष की सेवा पूर्ण करने वाले प्रधानाध्यापकों को 100 प्रतिशत पदोन्नति के द्वारा भरा जाता है। प्रधानाध्यापक के पद पर 55 प्रतिशत सअ एलटी एवं 45 प्रतिशत प्रवक्ता संवर्ग में पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान सेवा नियमावली में है। प्रवक्ता के पदों पर 50 प्रतिशत नियुक्ति सीधी भर्ती तथा 50 प्रतिशत सअ एलटी पदोन्नति के द्वारा होती है। इसलिये सरकार को अपने प्रस्ताव पर पुनर्विचार करना चाहिये।

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