- मुख्यमंत्री ने खुद सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में जाकर जनसुनवाई करने का लिया फैसला
देहरादून। भगवान बदरीनाथ के दर्शन कर लौटे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अब चुनावी मोड में आ गये हैं। अगले माह दिसंबर से उनका सभी विधानसभा क्षेत्रों का दौरा शुरू हो जाएगा। वह हर जिले में प्रवास करेंगे। उनके दौरे पर निकलने से पहले सभी सचिवों को उनके प्रभार वाले जिलों का दौरा करने और वहां की योजनाओं की प्रगति का ब्योरा तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
बदरीनाथ धाम से लौटकर मुख्यमंत्री ने शासन स्तर पर एक अहम बैठक की, जिसमें उन्होंने अपने दिसंबर से शुरू होने वाले सभी विधानसभा क्षेत्रों के दौरों से पहले सचिवों को उनके प्रभार वाले जिलों में जाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री के इस एक्शन को वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। उन्होंने सभी 70 विधानसभा क्षेत्रों में जाकर जन सुनवाई करने का फैसला किया है। इस दौरान उनके साथ शासन और संबंधित जिलों के अधिकारी भी होंगे। जन सुनवाई के दौरान हर समस्या का मौके पर ही समाधान करने का प्रयास किया जाएगा।
मंगलवार शाम सचिवालय में हुई बैठक में सीएम ने सचिवों को उनके प्रभार वाले जिलों के दौरे 30 नवंबर तक निपटाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रभारी सचिव भ्रमण के दौरान जिलों में संचालित ग्रोथ सेंटरों का भी निरीक्षण करेंगे। उन्होंने जनसमस्याओं के त्वरित समाधान एवं योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सीएम डेस बोर्ड पर उपलब्ध विवरण को पब्लिक डोमेन में अपलोड करने के भी निर्देश दिए। इसके लिए उन्होंने समिति गठित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने सभी विभागाध्यक्षों को ताकीद किया कि वे विभागीय योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए नियमित रूप से समीक्षा करेंगे। मंडलायुक्तों को विधानसभा में जाकर क्षेत्रवार समीक्षा करनी होगी।
मुख्यमंत्री ने राजस्व अदालतों में हजारों की संख्या में वाद लंबित होने पर गहरी नाराजगी जाहिर की। इनमें दाखिल खारिज के अलावा अविवादित विस्तार से जुड़े मामले हैं, जिनका निस्तारण 60 दिन की निर्धारित अवधि में हो जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने बैठक में ऐसे मामलों का 25 दिसंबर तक निपटारा करने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों से पिछले तीन महीने के दौरान लगी अदालतों में लिए गए मामलों का ब्योरा भी तलब किया है।
सीएम ने जिलाधिकारियों को ताकीद किया कि वे नियमित रूप से ब्लाक स्तर पर समस्या समाधान शिविरों का आयोजन करें। साथ ही उन्हें दाखिल खारिज से जुड़े मामलों के शीघ्र समाधान के लिए नियमित रूप से कोर्ट लगाने को भी कहा। त्रिवेंद्र ने सचिव वित्त को निर्देश दिए कि स्वरोजगार से जुड़ी योजना के लिए लोन संबंधी मामलों को लेकर बैंकर्स के साथ बैठक करें और इनमें तेजी लाएं। स्वरोजगार योजनाओं, स्कूलों आदि का भी निरीक्षण अपने भ्रमण के दौरान करें। मुख्यमंत्री ने सरकारी मशीनरी को पूरी हरकत में आने के लिये टारगेट फिक्स कर दिये हैं जिससे अगले माह सभी विधानसभा क्षेत्रों में उनके भ्रमण के दौरान स्थानीय लोगों की समस्या का मौके पर ही त्वरित समाधान कराया जा सके।