सरहद के रखवालों को मेरा सलाम: सीएम धामी

  • मुख्यमंत्री ने आईटीबीपी पासिंग आउट परेड की ली सलामी
  • 53 कैडिट बने आईटीबीपी का हिस्सा

देहरादून। मसूरी स्थित आईटीबीपी अकादमी में पासिंग आउट परेड में आईटीबीपी के 42 सहायक सेनानी और 11 सहायक सेनानी ( अभियन्ता ) की पासिंग आउट परेड हुई। 53 अधिकारियों ने पासिंग आउट परेड में आईटीबीपी का हिस्सा बनने पर शपद ली। मुख्य अतिथि पुष्कर ंिसह धामी ने सभी अधिकारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि आईटीबीपी के हिमवीर सीमा पर मुस्तैद रहते हैं। जिनकी वजह से हम चैन की नींद सो पाते हैं। सीएम ने बल के शहीदों को नमन करते हुए कहा कि शहीदों की शहादत के कारण ही आज हम सुरक्षित हैं। सरहद पर खड़े रखवालों को दिल से मेरा सलाम है। हमारे हिमवीर हमेशा मातृभूमि की सुरक्षा के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। हिमालय में माउन्टेन क्लाइमबिंग हो या रीवर राफिं्टग जैसे साहसिक खेल-कूद में अपना जज्बा दिखाते हैं। इस दौरान मुख्यमंत्री ने हिस्ट्री आॅफ आईटीबीपी पुस्तक का विमोचन किया गया। धामी ने कहा कि आईटीबीपी का साहस, दृढ़ संकल्प, शौर्य और बलिदान का गौरवशाली इतिहास रहा है। उन्होंने कहा कि आइटीबीपी हिमालय की प्रहरी है और समर्पण और उच्च प्रेरणा के साथ राष्ट्र की कठिन सीमाओं की सुरक्षा करती है। विशेष रूप से दूरदराज के पहाड़ी इलाकों में संकट में फंसे लोगों के लिए आईटीबीपी सुरक्षा और बचाव की भूमिका निभाती रही है। उन्होंने आइटीबीपी के इतिहास की पहली किताब के सफल प्रकाशन पर महानिदेशक, आइटीबीपी और प्रकाशन टीम को भी बधाई दी। आईटीबीपी के महानिदेशक एसएस देशवाल ने उपलब्धियों के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि बल उभरते सुरक्षा परिदृश्य में अपने लोगों को गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण प्रदान कर अपने रैंक्स में उच्चतम स्तर की व्यावसायिकता बनाए हुए है। आईटीबीपी अकादमी से कुल 53 सहायक कमांडेंट पास आउट हुए हैं। इनमें 42 सहायक सेनानी (बिहार-3, चंडीगढ़-1, हरियाणा-4, झारखंड-1, कर्नाटक-3, केरल-1, लद्दाख-2, पंजाब-1, महाराष्ट्र-7, मणिपुर-2, राजस्थान-6, तमिलनाडु-1 , उत्तराखंड-2, उत्तर प्रदेश-8) जनरल ड्यूटी कैडर से हैं और कंपनी कमांडर हैं।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सुरजीत सिंह देसवाल, महानिदेशक, भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल, उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, डीजी अभिनव कुमार, दलजीत सिंह चैधरी, मनोज रावत ,डीजी आईटीबीपी, निलाभ किशोर, अजयपाल सिंह, ब्रिगेडियर डाॅ रामनिवास आदि मौजूद थे।

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