उत्तराखंड : भगवानपुर में मेडिकल कॉलेज की मांग को लेकर सदन में विपक्ष का हंगामा

  • आज गुरुवार को मानसून सत्र के चौथे दिन संसदीय कार्यमंत्री ने सदन पटल पर रखी कैग रिपोर्ट

देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा मानसून सत्र के चौथे दिन आज गुरुवार को भगवानपुर में मेडिकल कॉलेज की मांग को लेकर सदन में विपक्ष ने हंगामा कर दिया। जिसके बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक ममता राकेश ने यह प्रश्न उठाया था। जिसके बाद सरकार के जवाब से असंतुष्ट कांग्रेस विधायकों ने वेल में प्रदर्शन और हंगामा किया। इसके बाद दोपहर साढ़े 12 बजे सदन की कार्यवाही फिर शुरू हुई। संसदीय कार्यमंत्री बंशीधर भगत ने सदन पटल पर कैग रिपोर्ट रखी। यह रिपोर्ट साल 2019-20 की है।
वहीं महंगाई के खिलाफ कांग्रेस के विधायक साइकिल से विधानसभा पहुंचे। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि आज महंगाई से जनता त्रस्त है। पेट्रोल और डीजल के साथ ही रसोई गैस की कीमत लगातार बढ़ रही है। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस सड़क से लेकर सदन तक उठाएगी।
नियुक्ति की मांग को लेकर विधानसभा सत्र के दौरान उत्तराखंड डाइट डीएलएड प्रशिक्षित बेरोजगार संगठन के सदस्यों ने विधानसभा कूच किया। इस दौरान पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को रिस्पना पुल पर बैरीकेडिंग लगाकर रोक लिया। जिसके बाद प्रदर्शनकारी वहीं विरोध प्रदर्शन करने लगे।
विभिन्न मांगों को लेकर आंगनबाड़ी कार्यकत्री सेविका कर्मचारी यूनियन ने भी विधानसभा कूच किया। भू-अध्यादेश अधिनियम अभियान के कार्यकर्ताओं ने भी गुरुवार को विधानसभा कूच किया। इस दौरान हिमाचल की तर्ज पर उत्तराखंड में भी सशक्त भू-कानून लागू करने की मांग की गई।
कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि वर्ष 2011 से छठे वेतनमान के अनुसार कांस्टेबल को 10 वर्ष की सेवा पर 2400 ग्रेड दिया गया। 31 दिसंबर 2016 तक पुलिस कर्मियों को लाभ मिलता रहा। उस समय कांग्रेस सरकार में नेता प्रतिपक्ष बतौर गृह मंत्री थे। चुनाव आचार संहिता में कांग्रेस सरकार ने इसका शासनादेश जारी किया। सरकार पुलिस कर्मियों के प्रति संवेदनशील है। इसके लिए मंत्रिमंडल की उप समिति का गठन किया गया। समिति की रिपोर्ट के आधार पर सरकार की ओर से सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा।
वहीं नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि हमसे कोई गलती हुई है तो क्या सरकार उसे ठीक नहीं करेगी। इस दौरान कैबिनेट मंत्री व नेता प्रतिपक्ष के बीच तीखी बहस हुई। सदन में मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस कर्मियों के ग्रेड पे मुद्दा गंभीर विषय है। चार जुलाई को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही कैबिनेट की पहली बैठक में ग्रेड पे के मामले में संज्ञान लिया था। सरकार ने पहले ही मंत्रिमंडल उपसमिति बनाई है। पूरी गंभीरता और संवेदनशीलता से विचार कर रहे हैं। सरकार राज्य और पुलिस विभाग के हित में हर जरूरी निर्णय लेगी। सीएम ने कहा कि राज्य के हित जो सही होगा, उसे ठीक करेंगे।

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