उत्तराखंड : सदन में महंगाई के मुद्दे पर विपक्ष ने कसे तंज तो…!

देहरादून। आज बुधवार को उत्तराखंड की पांचवीं विधानसभा का प्रथम सत्र अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया। सरकार ने 31 मार्च तक तीन दिवसीय सत्र तय किया किया था, लेकिन विधायी कामकाज न होने से दो दिन में ही सत्र संपन्न हो गया। सत्र में सदन की कार्यवाही कुल 7 घंटे 23 मिनट चली। जिसमें राज्यपाल अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के साथ 21,116.81 करोड़ का उत्तराखंड विनियोग लेखानुदान विधेयक पारित किया गया।
दो दिवसीय सत्र में दो अध्यादेश और दो प्रतिवेदन रिपोर्ट सदन पटल रखे गए। सदन में महंगाई पर बोलते हुए विपक्ष के विधायक ने कहा कि सामने बैठे विधायक जी की सूखी हुई दाढ़ी बयां कर रही है कि तेल कितना महंगा है। इस पर पूरे सदन में बैठे विधायक अपनी हंसी नहीं रोक पाए। विपक्ष के विधायकों ने तंज कसा कि हमें अच्छे दिन नहीं, बल्कि हमारे बुरे दिन ही लौटा दो। ऐसे दिन जिनमें पेट्रोल 60 से 70 रुपये, डीजल 50 से 60 रुपये प्रति लीटर और गैस सिलिंडर 400 रुपये का था।
इस पर पलटकर मंत्री ने कहा कि आप विपक्ष में बैठे हैं, यह आपके बुरे दिन ही तो हैं। विपक्ष के विधायक ने नई सरकार को लेकर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान महंगाई मुद्दा था। सबकी भावनाएं कांग्रेस के साथ थी। माहौल भी हमारा था। सबने वोट भी हमें दिया तो वह वोट गया कहां। उन्होंने अप्रत्यक्ष तौर पर कहा कि ईवीएम बाबा की पूजा करने वालों को ही इसका लाभ मिला है। सत्ता पक्ष ने भी तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जो लोग आपकी तरफ जीतकर आए हैं, उन्होंने भी ईवीएम की ही पूजा की होगी। महंगाई पर नियम-58 के तहत जब विपक्ष अपनी बात सदन के सामने रख रहा था तो एक वरिष्ठ मंत्री भी इस दौरान सदन में पहुंचे। उन्होंने विपक्ष को मजाकिया लहजे में कहा कि उन प्रदेशों में महंगाई नहीं दिखती, जहां खुद की सरकार है। इस पर एक विपक्षी विधायक ने कहा कि आपको तो वनवास हो गया है। चुपचाप वनों में चले जाओ।

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