किरकिरी के बाद ट्रंप के बयान से पीछे हटा अमेरिका!

कश्मीर मध्यस्थता मामला

  • बयान जारी कर डैमेज कंट्रोल में जुटा ट्रंप प्रशासन, कश्मीर को बताया द्विपक्षीय मुद्दा
  • स्टेट डिपार्टमेंट प्रवक्ता ने कहा, कश्मीर मसला सुलझाने में अमेरिका मदद के लिए तैयार
  • कश्मीर मध्यस्थता के आग्रह संबंधी ट्रंप के बयान का भारतीय विदेश मंत्रालय ने किया खंडन
  • ट्रंप के मध्यस्थता बयान की हो रही आलोचना, अमेरिकी सांसदों ने भी जताया विरोध

वॉशिंगटन। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कश्मीर पर मध्यस्थता के बयान की किरकिरी के बाद ट्रंप प्रशासन अब डैमेज कंट्रोल में जुट गया हैं। स्टेट डिपार्टमेंट ने आज मंगलवार को बयान जारी कर कहा कि कश्मीर मसला भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दा है। अमेरिका दोनों ही देशों के बैठकर इस मुद्दे के समाधान के लिए वार्ता की कोशिशों का स्वागत करेगा। इसके साथ ही भारत के पक्ष का समर्थन करते हुए अमेरिका ने कहा कि पाकिस्तान के साथ भारत की सार्थक बातचीत के लिए जरूरी है कि आतंक के खिलाफ पाक सख्त और प्रभावी कदम उठाए। 
एक बयान में स्टेट डिपार्टमेंट के प्रवक्ता ने कहा, ‘कश्मीर मुद्दा द्विपक्षीय है और अगर दोनों देश इसके समाधान के लिए बातचीत की दिशा में कदम बढ़ाते हैं तो ट्रंप प्रशासन इसका स्वागत करेगा। यूनाइटेड स्टेट्स इसमें सहयोग के लिए भी तैयार है।’ 
भारत के विदेश मंत्रालय की तरफ से पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के मध्यस्थता के आग्रह के दावे को खारिज कर दिया है। दशकों से अमेरिका लगातार कहता आ रहा है कि कश्मीर दो देशों के बीच का मुद्दा है और यह दोनों देशों पर निर्भर करता है कि वह कब कैसे और किन शर्तों पर वार्ता के लिए तैयार होते हैं। 
स्टेट डिपार्टमेंट की तरफ से जारी बयान में जोर दिया गया कि भारत और पाक के बीच वार्ता आतंकवाद पर सख्ती के बिना संभव नहीं है। बयान के अनुसार, ‘हमारा विश्वास है कि भारत और पाकिस्तान के बीच सार्थक बातचीत तभी संभव है जब पाक अपने क्षेत्र में आतंक को संरक्षण देना बंद करे। पाकिस्तान की ओर से अपने भूभाग में होने वाली आतंकी गतिविधियों पर सख्त और प्रभावी कार्रवाई के बिना सार्थक वार्ता नहीं हो सकती। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने बयान में इन प्रतिबद्धताओं को दोहराया है।’ 
स्टेट डिपार्टमेंट ने कहा, ‘भारत और पाकिस्तान के बीच होनेवाली किसी भी ऐसे प्रयास जिससे क्षेत्र में तनाव कम होता है, अमेरिका उसके साथ है। सबसे पहले इसके लिए जरूरी है कि आतंकी गतिविधियों को समाप्त किया जाए जैसा कि प्रेजिडेंट ने भी कहा है कि हम सहयोग के लिए तैयार हैं।’ 
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने दो सप्ताह पहले उनसे कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए मध्यस्थता का आग्रह किया था। ट्रंप ने कहा था कि वह खुशी-खुशी ऐसी किसी भूमिका को निभाना चाहेंगे। ट्रंप के इस बयान पर पाक पीएम इमरान खान ने कहा, ‘प्रेजिडेंट! मैं आपसे कहना चाहता हूं कि अगर आप इस मसले का हल ढूंढ़ते हैं तो आपके साथ इस वक्त करोड़ों लोगों की दुआएं हैं।’ 

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