देहरादून। राज्य की एकल महिलाओं को स्वरोजगार में मदद करने के उद्देश्य से धामी सरकार उन्हें सस्ता कर्ज देने जा रही है। महिला बाल विकास विभाग इस संबंध में अगली कैबिनेट में प्रस्ताव लाने जा रहा है। इसके तहत अधिकतम दो लाख रुपये वाली परियोजना की लागत पर प्रदेश सरकार की ओर से 75 प्रतिशत तक सब्सिडी दिए जाने की योजना है।
विभागीय मंत्री रेखा आर्या ने बताया कि महकमे के सर्वे के मुताबिक, प्रदेश में लगभग चार लाख एकल महिलाएं है। लेकिन प्रस्तावित योजना में 25 वर्ष से 45 वर्ष तक की एकल महिलाओं को शामिल किया जाएगा। ऐसी महिलाओं की कुल संख्या डेढ़ लाख तक पहुंच रही है। विभाग चयनित महिलाओं को स्वरोजगार करने में मदद करेगा।
उन्हें सहकारी बैंक से 50 हजार से दो लाख रुपये तक लागत वाली परियोजना पर अधिकतम 75% तक सब्सिडी दी जाएगी। शेष 25% धनराशि भी बिना गारंटर के लोन स्वरूप दी जाएगी। इसके लिए महिला की सालाना आय 72 हजार रुपये से कम होनी चाहिए। एकल महिलाओं में विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता व अविवाहित महिलाएं शामिल होंगी।
ये हैं पात्रता की शर्तें…
- महिला उत्तराखंड की मूल निवासी हो।
- न्यूनतम आयु 25 वर्ष और अधिकतम 45 वर्ष।
- मासिक आय छह हजार रुपये से अधिक न हो।
- किसी भी संगठित सेवा, सरकारी, गैर सरकारी उपक्रम में कार्यरत न हो।
- राजकीय व पारिवारिक पेंशन प्राप्त न करती हो।
- विधवा, विकलांग जैसी कल्याणकारी योजनाओंं से पेंशन प्राप्त करने वाली महिलाएं भी पात्र होंगी।