मोदी सरकार ने डेवलपर्स और घर खरीदारों को दिया दिवाली का तोहफा

वित्त मंत्री ने कहा

  • उनको रेसिडेंशियल रियल एस्टेट इनकम टैक्स में दी जाएगी राहत
  • बीते अक्टूबर माह में 1.05 लाख करोड़ रुपए पहुंचा जीएसटी कलेक्शन
  • अर्थव्यवस्था में आई मजबूती, फॉरेन एक्सचेंज 560 अरब डॉलर पर पहुंचा

नई दिल्ली। आज गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि मजबूत रिकवरी की उम्मीद दिख रही है क्योंकि कोरोना के मामले कम हो रहे हैं और मौत की दरें भी कम हो रही हैं। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिसिटी की खपत में सालाना आधार पर 12 प्रतिशत की बढ़त हुई है। जबकि सालाना आधार पर रेलवे के किराए में रोजाना 20 प्रतिशत की ग्रोथ दिख रही है। बैंक क्रेडिट 23 अक्टूबर तक सालाना आधार पर 5.10 प्रतिशत सुधरी है। शेयर बाजार इस समय रिकॉर्ड उंचाई पर है। उन्होंने डेवलपर्स और घर खरीदारों के लिए रेसिडेंशियल रियल एस्टेट इनकम टैक्स में राहत देने की बात कही है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नए राहत और इंसेंटिव की घोषणा की है, ताकि देश में कोविड-19 की रिकवरी से निपटने में मदद मिल सके। मई 2020 से जो भी राहत केंद्र सरकार ने दी है, उस राहत के प्रदर्शन का रिव्यू भी किया जा रहा है।
वित्त मंत्री ने कहा कि फॉरेन एक्सचेंज 560 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। जीएसटी कलेक्शन अक्टूबर में 1.05 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया है। एफडीआई का निवेश अप्रैल से अगस्त के दौरान 35.37 अरब डॉलर रहा है जो सालाना आधार पर 13 प्रतिशत की बढ़त दिखा रहा है। मुख्य अर्थशास्त्रियों ने यह सुझाव दिया है कि री-बाउंड न केवल मांग से आएगा, बल्कि मजबूत आर्थिक बढ़त से भी आएगी। उन्होंने कहा कि अक्टूबर में पीएमआई बढ़कर 58.9 पर पहुंच गई है। जो सितंबर में 54.6 पर थी।
जीएसटी का ज्यादा कलेक्शन एनर्जी में बढ़ रही खपत और मजबूत मार्केट के प्रदर्शन सुधार के कुछ संकेतों में से हैं। पिछले 10-15 दिनों से इकोनॉमी रिकवरी दिख रही है। सीपीआई ने मजबूत रिकवरी दिखाई है।
आत्मनिर्भर भारत अभियान-1 के तहत कुछ पॉइंट पर प्रोग्रेस दिख रही है। इसमें वन नेशन वन राशन कार्ड प्रमुख है। इसे एक सितंबर से लागू किया गया था। अब तक 68.6 करोड़ लोगों ने इस योजना का लाभ उठाया है।
इंट्रा स्टेट पोर्टिबिलिटी के तहत 1.5 करोड़ मासिक लेन देन इसके तहत हुए हैं। प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स योजना में 26.62 लाख लोन एप्लिकेशन मिले हैं। जिसमें से 13.78 लाख लोन एप्लिकेशन के तहत 1,373.22 करोड़ रुपए की मंजूरी 30 राज्यों और 6 केंद्र शासित प्रदेशों में दी गई है। अब तक किसान क्रेडिट कार्ड के तहत 183 लाख एप्लिकेशन मिली हैं। बैंकों ने इसके तहत 150 लाख किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी किया है। इससे 2.5 करोड़ किसानों को क्रेडिट में तेजी आएगी। बैंक ने दो चरणों में 1,43,262 करोड़ रुपए को मंजूरी दी है।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत 21 राज्यों ने कुल 1,681.32 करोड़ रुपए को मंजूरी दी है। इसके साथ ही किसानों को नाबार्ड के जरिए 25 हजार करोड़ रुपए का अतिरिक्त वितरण किया गया है। यह इमरजेंसी वर्किंग कैपिटल फंडिंग है। आत्मनिर्भर भारत अभियान-1 के तहत वन नेशन वन राशन स्कीम में राशन कार्ड की पोर्टिबिलिटी का लाभ 68.6 करोड़ लोगों ने उठाया है। इंटरस्टेट पोर्टिबिलिटी 28 राज्यों में लागू की गई है। हर महीने एक करोड़ लेन-देन (ट्रांजेक्शन) हो रहे हैं। प्रवासी कामगारों के लिए एक पोर्टल की भी शुरुआत की गई है।
आत्मनिर्भर भारत अभियान-1 के तहत ECLGS में 2.05 लाख करोड़ रुपए की मंजूरी हुई है। इसमें 61 लाख लोगों को कवर किया गया है। 1.52 लाख करोड़ रुपए का डिस्बर्समेंट हुआ है। पार्शियल क्रेडिट गारंटी स्कीम-2 के तहत सरकारी बैंकों ने 26,889 करोड़ रुपए के पोर्टफोलियो की खरीद की है।
एनबीएफसी और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के लिए स्पेशल लिक्विडिटी स्कीम के तहत 7,227 करोड़ रुपए का डिस्बर्समेंट किया गया है। डिस्कॉम के लिए लिक्विडिटी इंजेक्शन के रूप में 118,273 करोड़ रुपए के लोन को मंजूरी दी गई है। यह मंजूरी 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में दी गई है। इसके तहत 31,136 करोड़ रुपए डिस्बर्समेंट किए गए हैं। 11 राज्यों ने 3,621 करोड़ रुपए को मंजूरी दी गई है। यह इंटरेस्ट फ्री लोन है।
वित्त मंत्री ने कहा कि इनकम टैक्स रिफंड के तहत 39.7 लाख टैक्सपेयर्स को 1,32,800 करोड़ रुपए दिए गए हैं। प्रधानमंत्री रोजगार प्रोत्साहन योजना को 31 मार्च 2019 को अमल में लाया गया था। इसके तहत नए रोजगार के निर्माण करने और इंसेंटिव देने की बात कही गई थी। इसके तहत कुल 1.21 करोड़ लोगों को 8,300 करोड़ रुपए दिए गए हैं।
आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना नाम से एक नई स्कीम लॉन्च की गई है। इसके तहत नए रोजगार के अवसर के लिए इंसेंटिव दिया जाएगा। यह अवसर कोविड रिकवरी के चरण में होना चाहिए। इस स्कीम के तहत जिनको लाभ मिलेगा उनमें अगर कोई नया कर्मचारी ईपीएफओ में रजिस्टर्ड कंपनियों में जुड़ता है और उसका मासिक वेतन 15 हजार रुपए से कम है तो उसे इसका फायदा होगा। यह स्कीम एक अक्टूबर 2020 से लागू मानी जाएगी और अगले दो साल तक के लिए रहेगी।
इसके तहत केंद्र सरकार दो सालों तक नए योग्य कर्मचारी को सब्सिडी देगी। ऐसे कर्मचारियों को एक अक्टूबर 2020 से पहले या उस तारीख तक योग्य होना चाहिए। इसमें कर्मचारी का योगदान कुल सैलरी का 12 प्रतिशत होना चाहिए और कंपनी का योगदान 12 प्रतिशत होना चाहिए। यानी इस स्कीम का सीधा मतलब यह है कि जिन कंपनियों के पास एक हजार कर्मचारी हैं उसमें सरकार कर्मचारियों और कंपनी दोनों के ईपीएफ में 12-12 प्रतिशत का योगदान देगी। जिनके पास एक हजार से ज्यादा कर्मचारी हैं उन कंपनियों को सरकार कर्मचारियों के ईपीएफ में 12 प्रतिशत का योगदान देगी।
इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम को 31 मार्च, 2021 तक बढ़ा दिया है। 12 नवंबर, 2020 तक इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम के तहत 2.05 लाख करोड़ रुपए की मंजूरी दी गई। इसमें 61 लाख बॉरोअर हैं। 1.52 लाख करोड़ रुपए का डिस्बर्समेंट किया गया। नई स्कीम पीएलआई के लिए कुल 145,980 करोड़ रुपए का बजट किया गया है।
कंस्ट्रक्शन एवं इंफ्रास्ट्रक्चर को भी बयाना जमा राशि (ईएमडी) में राहत दी है। इसके तहत सरकार ने कॉन्ट्रैक्ट पर परफॉर्मेंस सिक्योरिटी को 5 से 10 प्रतिशत से घटाकर अब 3 प्रतिशत कर दिया है। यह वर्तमान में चल रहे कॉन्ट्रैक्ट पर भी लागू होगा। यह सरकारी कंपनियों पर भी लागू होगा। राज्य चाहें तो वो इसे लेने के लिए कंपनियों को उत्साहित कर सकते हैं।
इसके तहत टेंडर्स के लिए कोई ईएमडी की जरूरत नहीं होगी। यह राहत 31 दिसंबर, 2021 तक दी जाएगी जो जनरल फाइनेंशियल रूल्स के तहत होगा। इससे कॉन्ट्रैक्टर्स को कैपिटल के लॉक इन और बीजी की लागत पर राहत देगा। सर्कल रेट और एग्रीमेंट वैल्यू के बीच का जो अंतर है, उस पर अब 20 प्रतिशत की इनकम टैक्स राहत दी जाएगी। पहले यह 10 प्रतिशत थी। यह रेसिडेंशियल यूनिट की प्राइमरी बिक्री पर लागू होगी, जिनकी वैल्यू 2 करोड़ तक होगी। इससे रेसिडेंशियल रियल इस्टेट को बूस्ट मिलेगा।
यह योजना 30 जून, 2021 तक लागू रहेगी। इससे रियल एस्टेट की कीमतों में कमी आएगी। इससे जो घर नहीं बिक पाए हैं उनको बेचने में राहत मिलेगी। इससे बिल्डर्स और ग्राहक दोनों को फायदा होगा।
उन्होंने कहा कि नेशनल इन्वेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (एनआईआईएफ) डेट प्लेटफॉर्म में इक्विटी इंफ्यूजन के रूप मे 6 हजार करोड़ रुपए डाले जाएंगे। इससे इंफ्रास्ट्रक्चर को फंडिंग होगी। इसके साथ ही प्राइवेट इक्विटी भागीदारी भी आएगी। एनआईआईएफ खुद 2 हजार करोड़ रुपए का निवेश करेगा। डेट प्लेटफॉर्म का लोन बुक 8 हजार करोड़ रुपए है और 10 हजार करोड़ रुपए की डील पाइपलाइन में है।
वित्त मंत्री ने कहा कि खाद की खपत में तेजी आ रही है। किसानों को खाद की सप्लाई भी दी जा रही है। इससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि आने वाली फसल के लिए कोई दिक्कत नहीं हो। इसके तहत 65 हजार करोड़ रुपए की सब्सिडी किसानों को खाद के रूप में दी जाएगी। गरीबों पर फोकस करते हुए निर्मला ने एक बार फिर अपनी तिजोरी खोली है। उन्होंने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार योजना की स्कीम में 10 हजार करोड़ रुपए की और बढ़ोतरी कर दी है। इस फंड का उपयोग मनरेगा या ग्राम सड़क योजना के तहत किया जा सकता है। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को तेजी मिलेगी।
वित्तमंत्री ने कहा कि एक्जिम बैंक को प्रोजेक्ट एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए 3 हजार करोड़ रुपए दिए गए हैं। यह लाइन ऑफ क्रेडिट के जरिए आइडियाज स्कीम के तहत दिए गए हैं। एलओसी (लाइन ऑफ क्रेडिट) के तहत अब तक करीबन 811 एक्सपोर्ट कॉन्ट्रैक्ट हुए हैं। इसमें 10.5 अरब डॉलर की फाइनेंसिंग की गई है।
उन्होंने कहा कि अतिरिक्त 10,200 करोड़ रुपए कैपिटल और इंडस्ट्रियल एक्सपेंडीचर के लिए दिए गए हैं। यह पैसा घरेलू रक्षा उपकरणों, औद्योगिक इंसेंटिव, इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर और ग्रीन एनर्जी पर खर्च किए जाएंगे। कोविड-19 से संबंधित वैक्सीन के डेवलपमेंट की गतिविधियों के रिसर्च के लिए डीबीटी इंडिया को 900 करोड़ रुपए दिए गए हैं।

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