सिस्टम का नासूर
- छत्तीसगढ़ के बीजापुर में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ जारी, 10 जवान घायल
- तर्रेम क्षेत्र के सिलगेर के जंगल में हुई मुठभेड़, एक महिला नक्सली के भी मारे जाने की खबर
- सीआरपीएफ, डीआरजी, जिला पुलिस बल और कोबरा बटालियन के जवान निकले थे सर्चिंग पर
- इससे पहले 23 मार्च को नक्सलियों ने नारायणपुर में किया था ब्लास्ट, 5 जवान हुए थे शहीद
बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में आज शनिवार को सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गई। इसमें 5 जवान शहीद हो गए हैं। इनमें 4 सीआरपीएफ और एक डीआरजी का जवान है। 3 नक्सलियों के भी मारे जाने की खबर है, इनमें एक महिला बताई गई है। मुठभेड़ तर्रेम थाना क्षेत्र के जंगलों में हुई। मुठभेड़ में सुरक्षाबलों के 10 जवान घायल भी हो गए हैं। एसपी कमल लोचन कश्यप ने मुठभेड़ की पुष्टि की है।
मुठभेड़ झीरम हमले के मास्टरमाइंड हिड़मा के गांव में हुई है। हमला करने वाले नक्सली उसी की टीम के सदस्य थे। काफी लंबे समय से गांव में नक्सलियों का जमावड़ा लग रहा था। इसकी सूचना पर जवान पहुंचे थे। करीब चार से पांच घंटे चली मुठभेड़ आज शाम 5 बजे तक खत्म हो गई। इसके बाद बैकअप के लिए एक्स्ट्रा फोर्स भेजी गई है। वहीं शहीद जवानों के शव और घायल जवानों को रेस्क्यू करने के लिए हेलीकॉप्टर भी भेजे गए। शाम तक मुठभेड़ के बारे में आधिकारिक जानकारी दिए जाने की उम्मीद है।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में 10 दिन के अंदर यह दूसरा नक्सली हमला है। इससे पहले 23 मार्च को हुए हमले में भी 5 जवान शहीद हुए थे। यह हमला नक्सलियों ने नारायणपुर में आईईडी ब्लास्ट के जरिए किया था। तर्रेम थाने से सीआरपीएफ, डीआरजी, पुलिस बल और कोबरा बटालियन के जवान संयुक्त रूप से सर्चिंग पर निकले थे। इसी दौरान दोपहर में सिलगेर के जंगल में घात लगाए नक्सलियों ने हमला कर दिया। इसके बाद जवानों की ओर से भी जवाबी कार्रवाई की गई।
दूसरी ओर गंगालूर क्षेत्र के चेरपाल के पास मोदीपारा में सीआरपीएफ 85 बटालियन के जवानों ने 8 किलो का आईईडी विस्फोटक बरामद किया है। नक्सलियों ने इसे जवानों को निशाना बनाने के लिए प्लांट किया था। यह विस्फोटक जवानों ने आज शनिवार सुबह ही करीब 7.30 बजे बरामद किया है। इसके बाद इसे विस्फोट कर नष्ट कर दिया गया।
इससे पूर्व 12 दिन पहले 23 मार्च को नक्सलियों ने नारायणपुर जिले में डीआरजी जवानों से भरी बस में ब्लास्ट कर दिया। इस हमले में 5 जवान शहीद हो गए थे, जबकि 14 घायल हुए थे। ब्लास्ट के दौरान बस में 24 जवान सवार थे। सभी जवान एक ऑपरेशन में शामिल होने के बाद लौट रहे थे।
गौरतलब है कि नक्सलियों ने 17 मार्च को शांति वार्ता का प्रस्ताव सरकार के सामने रखा था। नक्सलियों ने विज्ञप्ति जारी कर कहा था कि वे जनता की भलाई के लिए छत्तीसगढ़ सरकार से बातचीत के लिए तैयार हैं। उन्होंने बातचीत के लिए तीन शर्तें भी रखी थीं। इनमें सशस्त्र बलों को हटाने, माओवादी संगठनों पर लगे प्रतिबंध हटाने और जेल में बंद उनके नेताओं की बिना शर्त रिहाई शामिल थीं।