…तो अब समझ में आएगा ‘लॉकडाउन’ का मतलब

कहीं भी आने-जाने के सारे साधन बंद

  • ट्रेनें, बसों के बाद कल मंगवार आधी रात से घरेलू उड़ानें भी बंद; रोक कब तक रहेगी, यह मोदी सरकार ने बताया ही नहीं
  • केंद्र ने कहा, जिस भी यात्री को अपने गंतव्य तक जाना है, वह मंगलवार रात 11.59 तक वहां पहुंच जाए, इसके बाद उड़ानें बंद
  • इससे पहले 31 मार्च तक 12500 यानी सभी यात्री ट्रेनें हो चुकी हैं बंद, इनसे रोजाना सफर करते थे 2.3 करोड़ लोग
  • करीब 25 राज्यों में लॉकडाउन और दो राज्यों में कर्फ्यू के बावजूद गंभीर नहीं दिखे लोग, सड़कों पर बनी रही भीड़
  • इसके बाद नाराज हुए मोदी को अपील करनी पड़ी कि लोग लॉकडाउन को गंभीरता से लें, वर्ना हालात और होंगे खराब

नई दिल्ली। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के कारण अब पूरे देश में कोई भी आदमी कहीं भी आवाजाही नहीं कर सकेगा। इस समय 19 राज्यों में पूरी तरह और पांच राज्यों में आंशिक लॉकडाउन है। पंजाब, पुड्डूचेरी और महाराष्ट्र में कर्फ्यू लगा दिया है। यानी इन राज्यों की सीमाएं सील हैं और ट्रेनों के साथ-साथ इंटर स्टेट बस सर्विस भी बंद है। लोग कहीं भी आ-जा नहीं सकते।
इस बीच मोदी सरकार ने आदेश जारी किया है कि कल मंगलवार रात 12 बजे से सभी घरेलू उड़ानें बंद कर दी जाएंगी। किसी भी यात्री को अपनी मंजिल तक पहुंचना है तो वह कल आधी रात से पहले वहां पहुंच जाए। इसके बाद कोई उड़ान नहीं होगी। सरकार ने एयरलाइन कंपनियों से कह दिया है कि आपकी सभी घरेलू उड़ानें 24 मार्च को रात 11 बजकर 59 मिनट तक अपने डेस्टिनेशन पर पहुंच जानी चाहिए। इसके बाद उड़ानें नहीं चलेंगी। सिर्फ कार्गो उड़ानों को इससे छूट रहेगी। देश में हर महीने औसतन 1.3 करोड़ और सालाना 14 करोड़ यात्री घरेलू उड़ानों में सफर करते हैं। इन प्रतिबंधों का मतलब यह है कि बुधवार से देश में ट्रांसपोर्ट पूरी तरह ठप हो जाएगा।
हालांकि केंद्र ने 29 मार्च तक सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर रोक लगा रखी है और आज सोमवार को सभी घरेलू उड़ानें बंद करने का फैसला लिया है। केंद्र ने कहा कि मंगलवार रात 12 बजे के बाद सभी घरेलू उड़ानें रद्द कर दी जाएंगी। हालांकि यह नहीं बताया गया कि यह रोक कब तक रहेगी।
इससे पहले 31 मार्च तक रेलवे ने 12500 यानी सभी यात्री ट्रेनें बंद करने का फैसला लिया है। नौ दिनों तक मालगाड़ियों को छोड़कर कोई भी ट्रेन नहीं चलेगी। इस फैसले का मतलब यह है कि रोजाना इन ट्रेनों से सफर करने वाले 2.3 करोड़ लोग अब कहीं आ-जा नहीं सकेंगे।
कैबिनेट सेक्रेटरी ने रविवार को सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को निर्देश दिए थे कि मेट्रो सर्विसेस और इंटर स्टेट बसों को भी 31 मार्च तक रोक दिया जाए। इसमें दिल्ली मेट्रो भी शामिल है, जिससे करीब दो करोड़ लोग रोजाना सफर करते हैं। देश के 25 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में लॉकडाउन कर दिया गया है। इन्हीं में पंजाब, महाराष्ट्र और पुड्डुचेरी भी शामिल हैं, जहां 31 मार्च तक कर्फ्यू का ऐलान किया गया है। इन राज्यों की और इनके जिलों की सीमाएं सील हैं, यानी कोई व्यक्ति एक शहर से दूसरे शहर नहीं जा सकता। सभी राज्यों में लॉकडाउन की अवधि 31 मार्च तक है।
करीब 25 राज्यों में लॉकडाउन और दो राज्यों में कर्फ्यू के बावजूद लोग गंभीर नहीं दिखाई दे रहे हैं। सड़कों पर भीड़ बनी हुई है और कुछ जगहों पर बसों की छत पर भी लोग देखे गए। मजबूरन जनता कर्फ्यू के अगले ही दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपील करनी पड़ी कि लोग लॉकडाउन को गंभीरता से लें। इसके कुछ ही घंटे बाद स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि सभी राज्यों में अधिकारी लॉकडाउन का सख्ती से पालन करवाएं। नियम तोड़ने वालों पर कानूनी कार्रवाई हो। उत्तराखंड में भी मुख्यमंत्री ने आज सोमवार के हालात देखते हुए आला अफसरों को लॉकडाउन का सख्ती से पालन कराने को कहा है।

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