पति से ही गर्भवती होने को कोर्ट से लगाई गुहार!

अनोखा मुकदमा

  • तलाक के लिए कानूनी लड़ाई लड़ रही 35 साल की महिला ने अलग रह रहे पति के सामने रखी मांग 
  • कहा, उसकी मां बनने की उम्र खत्म होने से पहले  पति से चाहती है गर्भ धारण करने की अनुमति 

मुंबई। यहां एक पारिवारिक अदालत में एक ऐसा अनोखा मामला सामने आया जिसने सभी को चौंका दिया। यहां तलाक के लिए अदालत में कानूनी लड़ाई लड़ रही 35 साल की महिला ने अलग रह रहे पति से दूसरा बच्चा पैदा करने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। महिला का कहना है कि उसकी मां बनने की उम्र खत्म होने से पहले वह अलग रह रहे पति के साथ वैवाहिक संबंध से या फिर आईवीएफ के जरिए गर्भ धारण करने की अनुमति चाहती है।
इस मामले में अदालत ने निजी स्वायत्तता और प्रजनन स्वास्थ्य पर अतंरराष्ट्रीय कानून और संधियों का हवाला देते हुए पत्नी के प्रजनन अधिकार को उसका मूलभूत अधिकार बताया। अदालत ने जोड़े को एक मैरिज काउंसलर के पास जाकर सलाह लेने और एक महीने के अंदर आईवीएफ विशेषज्ञ के साथ मुलाकात करने का निर्देश दिया है। महिला के पति ने इस याचिका को अवैध, झांसा और सामाजिक कानून के खिलाफ बताकर विरोध किया है।
महिला ने अपने पति से स्पर्म डोनेट करने का आग्रह किया है। अपने आदेश में नांदेड़ पारिवारिक अदालत की न्यायाधीश स्वाति चौहान ने कहा, ‘तकनीक की मदद से बच्चा पैदा करना किसी भी कानून, सामाजिक मानकों का उल्लंघन नहीं है। अदालत ने जोड़े को सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ (एटीआर) के पास जाने का निर्देश दिया है। 
हालांकि इस पर पति ने आपत्ति जताई है। जिस पर अदालत ने कहा कि बिना किसी वाजिब कारण के वह मना नहीं कर सकता। ऐसा करने पर उसे कानूनी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। पति और पत्नी दोनों काम करते हैं और उनका पहले से ही एक नाबालिग बच्चा है। गौरतलब है कि मुंबई में रहने वाले पति ने अपनी पत्नी की कथित क्रूरता के कारण साल 2017 में तलाक की अर्जी दाखिल की थी।  महिला ने पारिवारिक अदालत में पति से दूसरा बच्चा पैदा करने के लिए दरवाजा खटखटाया है। दोनों की याचिकाएं लंबित हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here