एकला चलो रे
- राजभवन पर अकेले धरना देने के लिए निकले पूर्व सीएम हरीश रावत, पुलिस ने रोका
- बोले हरदा, ‘मैं यहां से नहीं उठूंगा। या तो मैं धरने पर बैठूंगा या फिर जेल जाऊंगा’
- बाद में पुलिस ने राजभवन से लगभग 50 मीटर दूर धरने पर बैठने की दी इजाजत
- बीते सोमवार को बैलगाड़ी लेकर प्रदर्शन करने पर हरीश व समर्थकों पर कराया था केस
देहरादून। आज मंगलवार को राजभवन पर सांकेतिक धरने के लिए निकले, लेकिन पुलिस ने बैरियर लगाकर उन्हें रास्ते में ही रोक लिया। इससे नाराज हरीश रावत वहीं सड़क पर धरने में बैठ गए। इस दौरान उन्होंने अपनी चिरपरिचित शैली में कहा कि ‘मैं यहां से नहीं उठूंगा। या तो मैं 50 मीटर आगे पेड़ के पास धरने पर बैठूंगा या फिर यहां से जेल जाऊंगा।
जिससे वहां मौजूद पुलिस कर्मियों में हड़कंप मच गया और आला अधिकारियों से बातचीत के बाद उन्हें राजभवन से 50 मीटर की दूरी पर बैठने की इजाजत मिल गई और हरीश रावत वहां धरने पर बैठ गए। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, कैप्टन बलबीर सिंह रावत, पूर्व मंत्री मातबर सिंह कंडारी और गरीमा दसोनी भी हरीश रावत से मिलने धरना स्थल पर पहुंचे।
गौरतलब है कि सोमवार को देर शाम फेसबुक पर जारी वीडियों में हरीश रावत ने कहा था कि वह इस सांकेतिक धरने में अकेले ही बैठेंगे। रावत ने कहा कि विपक्ष की आवाज को नहीं दबाया जा सकता। रावत ने वीडियो में गुनगुनाया- ‘सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजू-ए-कातिल में है।’ उन्होंने कहा था कि विपक्ष की आवाज को कुचल देने की कोशिश हो रही है। सोमवार को वह बैलगाड़ी में भगवान शिव के दर्शन के लिए गए थे। साथ वाले लोगों ने मास्क, सैनिटाइजर, सोशल डिस्टेंस सबका पालन किया। फिर भी मुकदमा दर्ज कराया गया। रावत ने कहा कि इसके बाद वह अगले दिन पेट्रोल पंप पर विरोध जताने पहुंचेंगे।
उधर तेल की बढ़ती कीमतों के विरोध में बिना अनुमति बैलगाड़ी लेकर प्रदर्शन करने के आरोप में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और उनके 20-25 समर्थकों के खिलाफ रायपुर थाने के दारोगा जी प्रदीप सिंह चौहान ने यह मुकदमा दर्ज कराया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में अनिल क्षेत्री पार्षद रांझावाला, हेमा पुरोहित, पूर्व प्रधान रायपुर घनश्याम पाल, आशीष गुसाईं, बलवीर पंवार, प्रभुलाल बहुगुणा, गुलजार अहमद निवासी सहसपुर, हुकम सिंह पार्षद वाणी विहार, विनीत डोभाल, अमित भंडारी पार्षद नेहरू कालोनी, रोबिन पंवार, मोहन काला, सुलेमान अली पूर्व पंचायत अध्यक्ष और 20-25 अन्य महिलाओं आदि ने तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के विरोध में प्रदर्शन किया।
रिपोर्ट में यह भी लिखा गया है… इसके लिए न तो कोई अनुमति ली गई और न ही सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया। आरोप है कि इन लोगों ने कोरोना महामारी के बीच राज्य सरकार के आदेश की अवहेलना और धारा 144 का उल्लंघन किया है।