जम्‍मू-कश्‍मीर : एक और आला अफसर कर रहा देश से गद्दारी!

बर्खास्त डीएसपी देविंदर का खुलासा

  • देविंदर का दावा, पुलिस का एक वरिष्‍ठ अधिकारी आतंकियों का सहयोगी
  • संसद हमले में भी आतंकियों के मददगार डीएसपी की भूमिका की जांच शुरू
  • हिजबुल के तीन आतंकियों को चंडीगढ़ घुमाने लाया था देविंदर
  • चंडीगढ़ समेत कई शहरों में हमले की फिराक में घूम रहे थे आतंकी

चंडीगढ़/श्रीनगर। आतंकियों की मदद करने के आरोपी जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी देविंदर सिंह को लेकर लगातार नए खुलासे हो रहे हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को पूछताछ में पता चला है कि देविंदर हिज्बुल के आतंकी नावेद बाबा और आसिफ के साथ पकड़े जाने से पहले ही नावेद के संपर्क में था। आतंकी चंडीगढ़ समेत कई शहरों में हमले करना चाहते थे। पुलिस ने 2001 के संसद हमले में भी देविंदर की भूमिका की जांच की बात कही है।
सूत्रों ने बताया था कि पिछले साल देविंदर हिज्‍बुल के आतंकी नवीद बाबू को जम्‍मू ले गया था। हिज्‍बुल मुजाहिदीन के आतंकवादियों को अपनी कार में जम्‍मू ले जाते हुए गिरफ्तार हुए जम्मू-कश्मीर पुलिस के बर्खास्‍त डीएसपी देविंदर सिंह ने पुलिस पूछताछ में बड़ा खुलासा किया है। देविंदर ने आरोप लगाया है कि पुलिस बल में तैनात एक और वरिष्‍ठ अधिकारी आतंकवादियों के लिए काम कर रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि देविंदर सिंह को आतंकियों को जम्‍मू ले जाने के लिए 10 लाख रुपये दिए गए थे। उन्‍होंने कहा, ‘बर्खास्त डीएसपी ने दावा किया है कि एक और आला पुलिस अधिकारी आतंकवादियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। जांचकर्ताओं ने कहा है कि पहले हम इसकी पुष्टि करेंगे क्‍योंकि जांच को भटकाने का एक प्रयास भी हो सकता है।’
सूत्रों के अनुसार 11 जनवरी को जब देविंदर को नवीद बाबू और एक अन्‍य आतंकी के साथ अरेस्‍ट किया गया था, तब उसने दावा किया था कि दोनों ही लोग आत्‍मसमर्पण करने वाले थे। इस बारे में जांचकर्ताओं ने कहा है कि देविंदर झूठ बोल रहा है। बताया जा रहा है कि देविंदर सिंह हिज्‍बुल के रफी नामक आतंकी के संपर्क में भी था जो लोगों को पाकिस्‍तान ले जाने के लिए जिम्‍मेदार है। सूत्रों के मुताबिक एक या दो दिन में एनआईए की टीम श्रीनगर पहुंच रही है और वह देविंदर को लेकर दिल्‍ली जाएगी जहां उससे पूछताछ होगी। जम्‍मू-कश्‍मीर पुलिस के डीजीपी ने देविंदर सिंह को सेवा से बर्खास्‍त कर दिया है।
जांच के दौरान यह भी पता चला है कि देविंदर का ड्रग्‍स माफिया से गहरा संबंध था। देविंदर पुलवामा के त्राल का रहने वाला है। यह वही इलाका है जो हिज्‍बुल मुजाहिदीन का गढ़ माना जाता है। आतंकी बुरहान वानी और जाकिर मूसा इसी इलाके के रहने वाले थे। त्राल में देविंदर सिंह की पैतृक संपत्ति भी है। उसका एक घर जम्‍मू में भी है। सिंह के परिवार में पत्‍नी और दो बच्‍चे हैं। उसकी एक बेटी बांग्‍लादेश से एमबीबीएस की और बेटा श्रीनगर में पढ़ाई करता है।
जेएंडके पुलिस के डीजीपी दिलबाग सिंह ने देविंदर को नौकरी से बर्खास्त करने और मामले की जांच एनआईए से कराने की सिफारिश की। डीजीपी ने बताया कि पूर्व में जम्मू-कश्मीर राज्य द्वारा 2018 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देविंदर को वीरता पदक से उन्हें सम्मानित किया गया था, जिसे वापस लेने की भी सिफारिश की गई है। संसद हमले में डीएसपी के अफजल गुरु और अन्य आतंकियों से रिश्तों पर डीजीपी ने कहा कि हम 2001 के संसद हमले में कथित तौर पर देविंदर की भूमिका की जांच के लिए तैयार हैं। इसे लेकर इनपुट जुटाए जा रहे हैं। दरअसल 2004 में तिहाड़ जेल से अफजल ने अपने वकील को लेटर में बताया था कि उसने देविंदर को मोहम्मद (संसद हमले में शामिल पाक आतंकी) को दिल्ली लाने और यहां उसके लिए घर व कार दिलाने के लिए कहा था।
पूछताछ में खुलासा हुआ है कि वर्ष 2019 में जब सेना ने कश्मीर में सख्ती शुरू की तो देविंदर आतंकियों को श्रीनगर से 25/26 जून को पठानकोट तक अपने साथ लाया। यहां से देविंदर और आतंकी अलग हुए। वहां से डीएसपी चंडीगढ़ पहुंच गया और सेक्टर 51 के एक फ्लैट में रुका। फिर वह बांग्लादेश बाॅर्डर के लिए निकल गया, क्योंकि उसकी बेटी बांग्लादेश में पढ़ रही है। दो दिन बाद नावेद दो साथियों को लेकर देविंदर के पास चंडीगढ़ पहुंचा। यहां सभी दो दिन रुके।
इस दौरान आतंकी रेकी करने सेक्टर-19 के मार्केट और एलांते माॅल गए। नावेद के साथी की तबीयत खराब होने पर वे सरकारी अस्पताल भी गए। एनआईए अब देविंदर से यह पता लगा रही है कि चंडीगढ़ में रेकी करने के पीछे आखिर क्या मंशा थी। एसओजी में शामिल होने की वजह से देविंदर के घाटी में कई लोगों से संपर्क बन गए और विदेश से आने वाला हवाला के पैसे को कश्मीर में इस्तेमाल किया गया।
देविंदर के साथ गिरफ्तार आतंकियों ने पूछताछ में देश से बाहर भी उसके आतंकी संबंधों के बारे में अहम सुराग दिए हैं। उधर देविंदर के रवैये को लेकर सुरक्षा एजेंसियों ने पुलिस को कई बार आगाह किया था, लेकिन वह बार-बार बचता रहा। सूत्रों के मुताबिक देविंदर से आईबी और मिलिट्री इंटेलिजेंस के अधिकारी पूछताछ कर चुके हैं और अब एनआईए उससे पूछताछ कर तथ्य जुटायेगी।

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