मुख्यमंत्री की ‘दरियादिली’ ने बचाई पत्रकार की जान

नेकी कर दरिया में डाल

  • गैरसैंण के एक स्वतंत्र पत्रकार को हार्ट अटैक आने की खबर मिलते ही त्रिवेंद्र सिंह रावत ने की मदद
  • तुरंत ही हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराकर ऋषिकेश एम्स में भर्ती कराया, तत्काल  दिलाई मेडिकल सुविधा

देहरादून। कोरोना वायरस के संक्रमण पर काबू पाने के लिये जहां मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्य में सरकार और सरकारी मशीनरी दिन रात इसी प्रयास में जुटी है और लोगों को संक्रमण से बचाना, स्वस्थ और सुरक्षित रखना मुख्यमंत्री की पहली प्राथमिकता बनी हुई है। वहीं मुख्यमंत्री ऐसे व्यस्ततम समय में भी जरूरतमंदों के लिये फरिश्ते साबित हो रहे हैं। त्रिवेंद्र सिंह रावत की दरियादिली का ताजा उदाहरण आज रविवार सुबह का है। जिसमें उन्होंने गैरसैंण जैसी दूरस्थ जगह पर हार्ट अटैक का शिकार हुए एक स्वतंत्र पत्रकार को विषम परिस्थिति में देवदूत की तरह तुरंत हेलीकॉप्टर भेजा और ऋषिकेश एम्स में भर्ती कराकर उच्चस्तरीय मेडिकल सुविधायें उपलब्ध कराईं। जिससे पत्रकार की जान बच गई और वह ऋषिकेश एम्स में स्वास्थ्य लाभ ले रहे हैं। मुख्यमंत्री की इस दरियादिली के पत्रकारों के बीच खूब चर्चे हैं और ज्यादातर पत्रकारों का कहना है कि यह घटना त्रिवेंद्र सिंह रावत के मानवीय चेहरे को चित्रित करती है।

घटनाक्रम के अनुसार गैरसैंण के एक स्वतंत्र पत्रकार पुरुषोत्तम असनोड़ा को आज रविवार सुबह अचानक हार्ट अटैक आया तो परिजन और उनके पड़ोसी उन्हें पास के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गये। वहां पर हार्ट अटैक की स्थिति के लिये जरूरी मेडिकल सुविधायें नहीं हैं। ऐसे में वहां मौजूद चिकित्सक ने उन्हें तुरंत हायर सेंटर जाने की बात कही। पुरुषोत्तम की हालत बिगड़ती जा रही थी और परिजन बदहवास थे कि अब यहां से उन्हें कहां ले जायें ताकि उनका समुचित उपचार कराया जा सके और उनकी जान बचाई जा सके। इसी बीच पुरुषोत्तम के पत्रकार मित्र ने यह खबर मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचाई और उनसे आग्रह किया कि इस बारे में किसी तरह मुख्यमंत्री जी को अवगत करा दें।
जब त्रिवेंद्र सिंह रावत को पता चला कि गैरसैंण जैसी दूरस्थ जगह पर एक पत्रकार भाई जिंदगी और मौत की जंग लड़ रहे हैं तो उन्होंने तत्काल हेलीकॉप्टर गैरसैंण के लिये रवाना कराया और पीड़ित पत्रकार को तुरंत ऋषिकेश एम्स में भर्ती कराने के साथ ही उच्चस्तरीय उपचार दिलाने की व्यवस्था कराई। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने एम्स प्रशासन से कहा है कि पुरुषोत्तम जी के इलाज में कोई कसर न छोड़ी जाये और जो भी खर्च आएगा, उसे वह खुद वहन करेंगे। इस समय त्रिवेंद्र रावत की तत्परता और दरियादिली से पत्रकार पुरुषोत्तम की जान बचाने की घटना चर्चा का विषय बनी हुई है।

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