ऐसे नहीं चलेगा
- मोदी सरकार से निजी लैब भी कोरोना टेस्ट मुफ्त कराने की व्यवस्था करने को कहा
- इसके साथ ही निजी लैब को ज्यादा पैसा वसूलने से भी रोका जाए
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आज बुधवार को मोदी सरकार से कोरोना वायरस की जांच मुफ्त में कराने की व्यवस्था कराने को कहा है। शीर्ष अदालत ने कहा कि निजी लैब भी कोरोना टेस्ट मुफ्त में होना चाहिए। कोरोना मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने डॉक्टरों को योद्धा बताते हुए उनकी सुरक्षा के पुख्ता इतंजाम करने को भी कहा। इसके साथ ही निजी लैब में जांच की प्रक्रिया भी बनाई जानी चाहिए।
कोरोना वायरस के संक्रमण का टेस्ट और उसके रोकथाम में लगे डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा के लिए दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘कोरोना के बीच डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा अहम है। ये योद्धा हैं और उनकी तथा उनके परिवार की सुरक्षा बेहद जरूरी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि कोरोना वायरस की जांच निजी लैब में भी मुफ्त में होनी चाहिए। वह इस बारे में उचित आदेश पास करेगी।
मोदी सरकार की तरफ से पश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि केंद्र सरकार कोरोना से निपटने के लिए अहम कदम उठा रही है। उन्होंने बताया कि पीपीई किट का तेजी से इंतजाम किया जा रहा है। इसके अलावा पॉजिटिव लोग किसी को प्रभावित न करें, इसका भी ख्याल रखा जा रहा है।
मेहता ने डॉक्टरों के वेतन से पैसे काटने की बात को गलत बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकारों एवं प्राइवेट डॉक्टरों के वेतन में किसी भी प्रकार की कटौती न करने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा कि कोरोना टेस्ट के रिम्बर्समेंट के लिए सरकार एक तंत्र बनाए। इस पर सरकार की तरफ से पेश मेहता ने कहा कि वह इस मामले को देखेंगे और इसकी कोशिश करेंगे। सरकार ने शीर्ष अदालत को बताया वह कोरोना से निपटने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है।