लॉकडाउन के बीच त्रिवेंद्र कैबिनेट के अहम फैसले

तबलीगी जमातियों ने बिगाड़े उत्तराखंड के हालात

  • विधायकों के वेतन में एक साल के लिए 30 फीसद कटौती, नहीं कटेगा दायित्वधारियों का वेतन
  • विधायकों की निधि से दो साल के लिए महज एक-एक करोड़ की कटौती का ही किया फैसला
  • राज्य में घोषित लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ अब की जाएगी सख्त कार्रवाई  
  • केंद्र के हिसाब से लेंगे राज्य में लॉकडाउन हटाने या बढ़ाने का निर्णय, इसके लिये सीएम अधिकृत
  • राज्य के राशन कार्ड धारकों को नहीं होंने देंगे राशन की कमी, अब मिलेगा 15 किलो गेहूं, चावल

देहरादून। आज बुधवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से हुई कैबिनेट बैठक में छह अहम बिंदुओं पर चर्चा हुई। त्रिवेंद्र कैबिनेट की बैठक में उत्तराखंड के विधायकों की निधि से दो साल के लिए महज एक-एक करोड़ की कटौती का ही फैसला लिया गया। विधायकों के वेतन में एक साल के लिए 30 फीसद कटौती की गई है। अलबत्ता दायित्वधारियों के वेतन-भत्तों में कोई कटौती नहीं होगी। आज हुई बैठक में खासतौर पर कोरोना वायरस के संक्रमण से लड़ने के लिये सरकार की तैयारियों के बारे में बताया गया।
दो घंटे तक चली कैबिनेट की इस बैठक में लिए गए फैसलों के बारे शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि केंद्रीय कैबिनेट की तर्ज पर ही त्रिवेंद्र कैबिनेट ने भी विधायकों, मंत्रियों और मुख्यमंत्री के वेतन में एक साल के लिए 30 फीसद कटौती का फैसला किया है। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि भत्तों आदि के बारे में भी केंद्र की गाइड लाइन के अनुसार ही फैसला होगा। उन्होंने साफ कर दिया गया कि सरकारी दायित्ववालें नेताओं के वेतन में कटौती पर कोई फैसला नहीं हुआ।
गौरतलब है कि केंद्र ने जहां सांसदों की निधि दो साल के लिए पूरी तरह से स्थगित की है। वहीं उत्तराखंड में विधायकों की निधि में से केवल एक-एक करोड़ की कटौती दो साल के लिए होगी। यहां बता दें कि एक विधायक को उसकी निधि में सालाना साढ़े तीन करोड़ रुपये मिलते हैं।
शासकीय प्रवक्ता ने बताया कि करोना संकट से निपटने के लिए सरकार ने व्यापक स्तर पर तैयारियां की हैं। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि लाकडाउन अवधि में कमी आदि पर कोई भी फैसला लेने के लिए कैबिनेट ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को ही अधिकृत कर दिया है।
बैठक में शासकीय प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि कोरोना पॉजिटिव के संदिग्ध मामलों में प्रदेश में स्थिति काबू में थी, लेकिन तबलीगी जमातियों के कारण उत्तराखंड में संदिग्ध लोगों की संख्या बढ़कर 45,415 हो गई जबकि इससे पहले मात्र ऐसे लोगों की संख्या 8557 थी।
उन्होंने बताया कि सरकार ने उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा सेवा नियमावली को मंजूरी दे दी है। जिससे चिकित्सा विभाग में डॉक्टरों और टेक्निशियनों की भर्ती का रास्ता खुल गया है। अब उत्तराखंड चिकित्सा सेवा बोर्ड के माध्यम से भर्ती की जाएगी।
बैठक में राज्य में कोरोना वायरस के संक्रमण की स्थिति पर भी चर्चा हुई। जिसके बारे में जानकारी देते हुए कौशिक ने बताया कि राज्य में कोरोना की जांच को बढ़ाया जाएगा। राज्य में लॉक डाउन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने बताया कि तब्लीगी जमातियों के कारण राज्य मे कोरोना पॉजिटिव की संख्या बढ़ी। हालांकि इस स्थिति का मुकाबला करने के लिये राज्य के पास पर्याप्त मात्रा में व्यवस्था है। राज्य में 244 नए डॉक्टरों की तैनाती की गई है। राज्य में लॉकडाउन का निर्णय केंद्र सरकार के हिसाब से लिया जाएगा।
कौशिक ने बताया कि राज्य के राशन कार्डधारकों को अब 15 किलो गेहूं, चावल, राशन मिलेगा। कोरोना वायरस के कुल संक्रमित मरीज जांच केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाएगी।

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