भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के 1181 अधिकारियों की समीक्षा

10 IPS अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति की सिफारिश

नई दिल्ली। भारतीय पुलिस सेवा (IPS) में संतोषजनक प्रदर्शन नहीं करने पर 1181 अधिकारी गृह मंत्रालय की समीक्षा के दायरे में हैं। गृह मंत्रालय के अनुसार IPS अधिकारियों के कार्य प्रदर्शन और उनके सेवा रिकॉर्ड की समीक्षा एक निरंतर प्रक्रिया है और इस प्रक्रिया में अधिकारियों की संख्या अभी और बढ़ सकती है।
उन्होंने यह भी बताया कि पिछले 3 सालों में करीब 2 हजार IPS अधिकारियों के कार्यों की समीक्षा हुई। इनमें से 10 अधिकारीयों को लोकहित में सेवा समाप्त होने से पहले ही रिटायरमेंट देने की सिफारिश की गई है, हालाँकि इनके नाम अभी सार्वजनिक नहीं किये गए हैं।
यह सेवा रिकॉर्ड समीक्षा अखिल भारतीय सेवा (मृत्यु-सह-सेवानिवृत्ति लाभ) नियम 1958 के नियम 16 (3) के तहत की गई है। इसमें 2016-18 के दौरान IPS अधिकारियों के कार्यों की समीक्षा की गई है। इस नियम के अनुसार संबंधित राज्य सरकार के परामर्श से केंद्र सरकार किसी भी IPS या IAS अधिकारी को लिखित तौर पर 3 महीने पूर्व नोटिस या तीन महीने के वेतन-भत्ते देकर नोटिस जारी कर सेवानिवृत्ति होने के लिए कह सकती है। गृह मंत्रालय के अनुसार देश में 3,972 आईपीएस अधिकारी कार्य कर रहे हैं।
केंद्र सरकार ने अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों के सेवा कार्य की समीक्षा को वर्ष 2015 से शुरुआत की थी। इससे पहले भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1143 अधिकारियों की 2015-18 की समीक्षा करी गयी थी और 4 IAS अधिकारियों को समय पूर्व अनिवार्य सेवानिवृत्ति की सिफारिश की गयी थी।

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