योगी के भाई बोले, अमनमणि होते कौन हैं हमारे पिताजी के नाम से पूजा पाठ करवाने वाले?

यूपी के विधायक अमनमणि पर उठाये सवाल

  • महेंद्र ने कहा हम तीन भाई हैं, अमनमणि को कैसे दी गई हमारे पिताजी से जुड़ी पूजा की परमिशन
  • हमारे पिताजी के तीनों बेटे तमाम तरह की पूजा पाठ और पिंडदान करवाने के लिए हैं हकदार
  • पूरे प्रकरण की सरकार करवाएगी जाँच

देहरादून। जब से योगी आदित्यनाथ के भाई महेंद्र सिंह बिष्ट को इस बारे में पता लगा कि यूपी के विधायक अमनमणि त्रिपाठी अपने 11 साथियों के साथ जबरन बदरीनाथ जा रहे थे, वो भी उनके पिता के पूजन के नाम पर तो उनका गुस्सा सातवें आसमान पर है ।
महेंद्र सिंह बिष्ट ने सवाल उठाया कि आखिर अमनमणि त्रिपाठी होते कौन हैं जो उनका पितृ पूजन करेंगे। उन्होंने कहा कि अपना पितृ पूजन हम खुद करेंगे। हमने एक दिन पहले ही अपने पिता का अस्थि विसर्जन किया है। हम तीन भाई हैं। आखिर अमनमणि को ये हक दिया किसने कि वो हमारा पितृ पूजन करे। बिष्ट ने कहा कि अमनमणि को किस हक से पिताजी के संबंध में पूजा की परमिशन दी गई। क्या हमारे पिता जी के तीनों बेटे तमाम तरह की पूजा पाठ और पिंडदान करवाने के लिए नहीं है. अमनमणि होते कौन हैं ? हमारे पिता जी के नाम से पूजा पाठ करवाने वाले। हम कल ही फूल चट्टी में पिता जी का अस्थि विसर्जन करवा चुके हैं।
गौरतलब है कि यूपी के विधायक अमनमणि त्रिपाठी अपने 11 साथियों के साथ कल रविवार शाम को तीन इनोवा गाड़ियों में सवार होकर बदरीनाथ के लिए निकले थे। वजह बताई गई कि योगी आदित्यनाथ के स्वर्गीय पिता का पूजन बदरीनाथ में करना है। जबकि बदरीनाथ के कपाट अब तक खुले नहीं हैं। विधायक के पास मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश के हस्ताक्षर वाला पास था। इन लोगों को पहले गौचर में पुलिस ने रोका, लेकिन ये वहां हेकड़ी बघारकर जबरन गाड़ियां लेकर आगे निकल गए। बाद में सूचना मिलने पर पुलिस प्रशासन ने विधायक और उनके साथियों की गाड़ियां कर्णप्रयाग में रोकीं। वहां पर भी विधायक ने पुलिस प्रशासन के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ बदतमीजी की। आखिर एसडीएम के अड़ जाने के बाद विधायक अपने साथियों समेत वापस लौटे। यह पूरा मामला प्रदेशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है।
उत्तराखंड सरकार ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसे एक बड़ी चूक बताया है, प्रदेश के शहरी विकास मंत्री और सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने साफ कहा की ये बड़ी चूक है इस तरह मामले की पूरी पड़ताल की जाएगी और दोषियों पर कार्यवाही होगी वही मंत्री धन सिंह रावत ने साफ कहा की इस मामले की जांच की जाएगी और जिन अधिकारियों ने उन्हें जाने दिया है उन्हे किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।

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