बैसाखी के मौके पर पिंडर घाटी में मेलों की धूम

थराली से हरेंद्र बिष्ट।

बैसाखी के मौके पर आज बुधवार को पिंडर घाटी में दक्षिण कालिंका मंदिर कुलसारी और नारायणबगड़ के पंती स्थित मीगेश्वर महादेव मंदिर में मेलों का शुभारंभ  हो गया है।
पिंडर घाटी में बैसाखी के पर्व पर मंदिरों में एक सप्ताह तक लगने वाले मेलों का बुधवार से कुलसारी एवं मींग के मंदिरों और पिंडर नदी में अपने-अपने गांवों की कुलदेवी व देवताओं के प्रतीक चिन्हों को स्नान करने के साथ ही शुरू हुआ। देर सांय तक दोनों ही कस्बों में मेलों का आयोजन किया गया। आज माल गांव के मलयाल देवता, भटियाणा गांव से मां कुंवारी के साथ ही अन्य गांव के श्रद्वालु अपने-अपने देवी-देवताओं के प्रतिक निशानों के साथ ही ढोल नगाड़ों के साथ नाचने गाते कुलसारी पहुंचे।


इसके बाद पिंडर नदी में स्नान के बाद देव प्रतीक कुलसारी स्थित दक्षिण कालिंका एवं सूर्य मंदिर में एकत्रित हुए। इस दौरान कई लोगों पर देवी-देवताओं के पश्वा अवतार हुए। जो देर तक नाचते हुए श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देते रहे। नारायणबगड़ के पंती में मीगेश्वर महादेव, मालेश्वर महादेव, कोबेश्वर  महादेव की डोली व निशानों के साथ ही नीलाड़ी की कालिंगा की डोली व निशान का पंती में मिलन हुआ। इसके बाद देव डोलियां एवं निशानों को पिंडर नदी में स्नान करने के बाद पंती मंदिर में पूजा-अर्चना की गई।
यहां पर भी भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने शिरकत की।कल गुरुवार को माल में मालेश्वर महादेव, मीगेश्वर महादेव के मेले का आयोजन किया जाएगा। 16 को कोब में कोबेश्वर महादेव व खनोली मेला का आयोजन होगा। 17 को असेड सिमली में मृत्युंजय महादेव, 18 को मलयाल थोक में मलीयाल दानू व हंसकोटी मेले का आयोजन  होगा। 29 अप्रैल को पूर्णिमा के दिन भटियाणा में मां कुंवारी मेले के आयोजन के साथ ही बैसाखी मेलों का समापन हो जाएगा। गौरतलब है कि पिछले वर्ष इन मेलों का कोराना के चलते आयोजन नहीं हो पाया था।

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