उत्तराखंड में ये क्या हो रहा है!

अब जवाब दें श्रीमान

  • यूपी के विधायक को योगी के पिताजी के पितृ कार्य के नाम पर दी बदरीधाम जाने की अनुमति
  • एसीएस ने यूपी के विधायक अमन मणि और उनके 10 साथियों को पास जारी करने का दिया आदेश  
  • देहरादून जिला प्रशासन ने भी आंख बंद करके तीन वाहनों और उनमें सवार 12 लोगों को दिया पास
  • कर्णप्रयाग में पुलिस ने इनके तीनों वाहनों को रोका और उनकी एक न सुन उन्हें बैरंग लौटाया
  • डीजीपी अशोक कुमार (क्राइम) के अनुसार विधायक अमन मणि को मुनिकीरेती क्षेत्र में पकड़ा गया
  • विधायक समेत 12 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर काटा चालान, लाइसेंस भी जब्त
  • बाद में अनुनय विनय के बाद निजी मुचलके पर अमन मणि और उनके साथियों को छोड़ा

देहरादून। चहेते रसूखदारों को पास जारी करने के लिए उत्तराखंड के आला अफसरों ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम का बेजा इस्तेमाल करते हुए लॉकडाउन को ठेंगा दिखा दिया। एसीएस ने योगी के स्वर्गीय पिताजी के पितृ कार्य के लिए एक विधायक और उनके 11 साथियों को पास जारी करने का आदेश दिया। देहरादून जिला प्रशासन ने भी आंख बंद करके तीन वाहनों को पास दे दिया।
यहां सवाल उठता है कि अभी बदरीधाम और केदारधाम में किसी को जाने की इजाजत नहीं है तो फिर इन लोगों अफसरों ने कैसे अनुमति दे दी। यह मामला खासा चर्चा का विषय बना हुआ है। यहां सवाल यह भी उठता है कि यूपी के विधायक का योगी जी के परिवार से क्या वास्ता है जो उनके पिताजी के पितृ कार्य के लिए ये लोग बदरीधाम जा रहे थे। जबकि यह कार्य मृतक के परिजन ही करते हैं। 

यह हैरान करने वाला माजरा जब सामने आया जब यूपी की महाराजगंज सीट से विधायक अमन मणि त्रिपाठी के तीन वाहनों में सवार 12 लोगों के काफिले को कर्णप्रयाग में रोका गया। दिलचस्प बात यह है कि उत्तराखंड के अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश ने दो मई को देहरादून के डीएम को एक पत्र लिखा गया। इसमें कहा गया है कि विधायक त्रिपाठी व 10 अन्य लोग तीन वाहनों से यूपी के सीएम योगी के स्वर्गीय पिताजी के पितृकार्य से बदरीधाम जा रहे हैं। वहां से केदारधाम भी जाएंगे। इसी पत्र के आधार पर डीएम ने पास जारी कर दिए। रास्ते में कई स्थानों पर ये वाहन दबंगई करके निकल गए, लेकिन कर्णप्रयाग के एसडीएम ने इन्हें रोक लिया। लंबी जद्दोजेहद के बाद इन्हें गिरफ्तार करके निजी मुचलकों पर छोड़कर वापस यूपी भेज दिया गया। इस मामले में कई सवाल खड़े हो रहे हैं। पहला ये कि अमन मणि त्रिपाठी में क्या सुरखाब के पर लगे हैं जो पूरी व्यवस्था को ताक पर रखकर उनको और उनके काफिले को बदरीनाथ जाने के लिये रेड कार्पेट बिछा दी गई। दूसरा यह कि क्या अफसरों ने जानबूझकर योगीजी के नाम का बेजा इस्तेमाल किया। आखिर अमनमणि और उनके साथ आए लोगों का योगी के परिवार से क्या वास्ता है जिसकी वजह से इन लोगों को बदरीधाम में उनके पिताजी का पितृकार्य करना था। यहां बता दें कि बदरीधाम में पितृ विसर्जन भी होता है और यह कार्य मृतक के परिजन ही करते हैं। 
हालांकि पुलिस ने कर्णप्रयाग में उन्हें रोक बैरंग लौटा दिया। बाद में मुनिकीरेती में उन्हें पकड़ लिया गया। राष्ट्रीय आपदा एक्ट और धारा 188 के तहत मुनिकीरेती थाने में विधायक समेत 12 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर बाद में निजी मुचलके पर छोड़ा गया। इसी क्रम में आज सोमवार को विधायक की कार का चालान किया गया। इसके साथ ही उनका लाइसेंस भी जब्त कर लिया गया।डीजीपी अशोक कुमार (क्राइम) के अनुसार विधायक अमन मणि को मुनिकीरेती क्षेत्र में पकड़ा गया। विधायक समेत 12 लोगों के खिलाफ धारा 188 और राष्ट्रीय आपदा एक्ट में मामला दर्ज किया गया। बाद में निजी मुचलके पर उन्हें व उनके साथियों को छोड़ा गया।

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