- कांग्रेस नेता हरीश रावत ने आपदा राहत में तेजी न लाने को लेकर सरकार पर उठाये सवाल
- पीड़ितों को अभी तक मुआवजे की राशि न मिलने पर 28 अक्टूबर से प्रदेशभर में आंदोलन का ऐलान
देहरादून। प्रदेश में आई आपदा को लेकर कांग्रेस नेता हरीश रावत ने आज सोमवार को देहरादून में कांग्रेस भवन में प्रेसवार्ता कर उन्होंने धामी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार आपदा प्रबंधन में फेल हो गई है। मैंने कहा था कि पांच दिन में आपदा राहत में तेजी लाएं, वरना हम आंदोलन करेंगे, लेकिन सरकार के मंत्री, विधायक और कार्यकर्ता ढिलाई से काम कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इतने दिन बीत जाने के बावजूद पीड़ितों को अभी तक मुआवजे की राशि नहीं दी गई है।इसलिए तय किया गया है कि कांग्रेस कार्यकर्ता 28 अक्टूबर से प्रदेशभर के सभी जिला मुख्यालयों और महानगरों में उपवास कर आंदोलन की शुरुआत करेंगे। इसके बाद भी सरकार ने आपदा पीड़ितों को राहत नहीं पहुंचाई तो आगे की रणनीति तय करेंगे।
उन्होंने कहा, गृह मंत्री अमित शाह ने साफ कहा था कि उत्तराखंड में आपदा के हालात को लेकर 36 घंटे पहले जानकारी दे दी गई थी। फिर भी प्रदेश सरकार क्यों सोई रही? कांग्रेस ने 2013 की आपदा के दौरान कुप्रबंधन को लेकर अपने एक सीएम को हटा दिया था, लेकिन भाजपा के केंद्रीय नेता अपने सीएम की पीठ थपथपा रहे हैं। रावत ने कहा कि आपदा प्रभावित इलाकों में अभी भी हालत खराब हैं। मृत मवेशी सड़ रहे है और उन्हें उठाने वाला कोई नहीं है।
उन्होंने कहा कि हमने आपदा के मुआवजे को लेकर भी कई महत्वपूर्ण फैसले लिए थे, जिससे जनता को राहत थी, लेकिन भाजपा सरकार वो भी कम दे रही है। मानव नुकसान के लिए कम से कम 10 लाख रुपये देने चाहिए। उसी हिसाब से पशुओं के नुकसान के साथ-साथ फसलों के नुकसान का भी आकलन होना चाहिए। पूर्व सीएम ने कहा कि कई शहरों में हालात ये हैं कि नाले बंद पड़े हैं, लेकिन खोलने वाला कोई नहीं है। अगर ये हालात रहे तो प्रदेश में डेंगू का बड़ा खतरा सामने आ सकता है।