उत्तराखंड : गर्मी के दस्तक देते ही बढ़ा हिमस्खलन का खतरा!

मौसम ने बदले तेवर

  • 3500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में हिमस्खलन का खतरा ज्यादा
  • मौसम विभाग ने सर्दी और फ्लू जैसे रोगों के बढ़ने की भी दी चेतावनी
  • अगले पांच से छह दिनों में अधिकतम तापमान में होगी बढ़ोतरी
  • बदरीनाथ हाईवे पर आए पांच हिमखंड काटकर हाईवे खोलने में जुटा बीआरओ

जोशीमठ। उत्तराखंड में मौसम विभाग ने तापमान बढ़ने पर तेजी से बर्फ पिघलने के आसार जताए हैं, जिससे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिमस्खलन का खतरा बढ़ सकता है। मौसम विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार अगले पांच-छह दिनों के दौरान राज्य के ज्यादातर क्षेत्रों में अधिकतम तापमान सामान्य से छह से आठ डिग्री तक अधिक हो सकता है। अधिक ऊंचाई वाले पहाड़ी क्षेत्रों में जहां अब भी बर्फ जमी है, वहां एकाएक बढ़ने वाले तापमान से लोगों की दिक्कतें बढ़ सकती है। मौसम केंद्र के अनुसार तेजी से तापमान बढ़ने पर बर्फ पिघलने की रफ्तार में तेजी आ सकती है, जिससे हिमस्खलन भी हो सकता है।
उधर उत्तराखंड में इस बार ऊंचाई वाले क्षेत्रों में जमकर हुई बर्फबारी से बदरीनाथ धाम परिसर से लेकर रड़ांग बैंड तक बर्फ की मोटी चादर बिछी है। रड़ांग बैंड से देश के अंतिम गांव माणा तक पांच हिमखंड हाईवे पर पसरे हैं। बदरीनाथ धाम में विजय लक्ष्मी चौक से धाम परिसर तक आस्था पथ पर छह फीट बर्फ जमी है। बदरीनाथ धाम की तीर्थयात्रा के संचालन में बर्फ से पार पाने की चुनौती भी बनी रहेगी। हालांकि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने रड़ांग बैंड के पास से 20 से 25 फीट के हिमखंड काटकर हाईवे खोलने का काम शुरू कर दिया है।

गौरतलब है कि बदरीनाथ धाम की तीर्थयात्रा 30 अप्रैल से शुरू होगी। इसको देखते हुए बीआरओ हाईवे खोलने में जुटा हुआ है। इस बार बदरीनाथ हाईवे पर रडांग बैंड से देश के अंतिम गांव माणा और बदरीनाथ धाम तक कई फीट बर्फ जमी है। बदरीनाथ धाम के परिक्रमा स्थल के चारों ओर लगभग बीस फीट तक बर्फ जमी है। धाम परिसर भी बर्फ से ढका है। बदरीनाथ बस टर्मिनल, टैक्सी स्टेंड, धर्मशाला, माणा गांव, शेषनाग दर्शनी और कंचनजंगा क्षेत्र में भारी मात्रा में बर्फ जमी है।
बीआरओ के कमांडर मनीष कपिल का कहना है कि हाईवे खोलने का काम जारी है। रड़ांग बैंड तक हाईवे को सुचारु कर लिया गया है। यहां माणा गांव तक अभी भी हाईवे पर बड़े-बड़े हिमखंड पसरे हुए हैं। हिमखंडों को काटकर हाईवे सुचारु किया जा रहा है।
खासतौर पर उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ और बागेश्वर जिलों में 3500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में हिमस्खलन का खतरा ज्यादा है। मौसम विभाग के अनुसार मैदानी क्षेत्रों में तापमान में 20 से 22 और पहाड़ी क्षेत्रों में 15 से 18 डिग्री से अधिक रह सकता है। मौसम विभाग ने सर्दी और फ्लू बढ़ने की चेतावनी भी दी है। मौसम केंद्र के अनुसार राज्य में अगले कुछ दिन सर्दी और फ्लू के फैलने के लिए अनुकूल मौसम रहेगा। इस दौरान अधिकतम और न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी होने की संभावना है।
पिछले वर्षों तक नैनीताल और इसके आसपास के क्षेत्रों में फरवरी के महीने में सुबह शाम ही नहीं बल्कि दोपहर में भी अच्छी खासी ठंड होती थी लेकिन इस बार चार-पांच दिन से तापमान में अचानक वृद्धि हुई है। इस कारण दोपहर में अप्रैल-मई जैसी गर्मी लगने लगी है। मौसम के बदले रंग को देख लोग हैरान हैं। मौसम विशेषज्ञों की मानें तो यह पश्चिमी विक्षोप के टलने के कारण हुआ है और अगले तीन चार दिनों तक यही स्थिति बनी रहेगी।
उल्लेखनीय है कि फरवरी के पहले हफ्ते में नैनीताल का अधिकतम तापमान सात से 12 डिग्री सेल्सियस के बीच और न्यूनतम तापमान एक से तीन डिग्री सेल्सियस के बीच रहा है। इस बार आठ फरवरी के बाद से अधिकतम और न्यूनतम तापमान लगातार बढ़ता गया। 11 फरवरी को अधिकतम तापमान 21 डिग्री सेल्सियस और 13 फरवरी को 23 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया जो आमतौर पर अप्रैल-मई में रिकार्ड होता है। ऐसे में यदि आसमान साफ है और चटक धूप खिली हुई है तो नैनीताल में सुबह नौ बजे से ही गर्मी महसूस होने लग रही है। कुछ दिन पहले तक जो लोग जैकेट, टोपी और स्वेटर में नजर आते थे, वे अब दिन में कमीज पहने नजर आ रहे हैं।
आर्यभट्ट प्रेक्षण शोध संस्थान (एरीज) के वरिष्ठ वायुमंडल वैज्ञानिक डॉ. मनीष नाजा का कहना है कि नैनीताल में तापमान में अचानक हो रही वृद्धि से हैरत में हूं। ऐसा पिछले वर्षों के दौरान नहीं देखा गया। आमतौर पर फरवरी में पश्चिमी विक्षोप सक्रिय रहता था। जिस कारण वातावरण में ठंड का असर देखने को मिलता था, लेकिन आठ-नौ फरवरी से पश्चिमी विक्षोप टलने के कारण नोर्थ पोल (यूरोप) की ओर आने वाली ठंडी हवा नहीं पहुंच रही है। बीच-बीच में ठंडी हवा के जो झोंके आ रहे हैं, वे हिमालयी क्षेत्रों से उठने वाली हवा है। अगले तीन-चार दिन तक मौसम इसी तरह रहने की उम्मीद है उसके बाद पश्चिमी विक्षोप फिर से सक्रिय हो सकता है। उधर राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक विक्रम सिंह ने बताया कि अगले 24 घंटे में उत्तराखंड में मौसम शुष्क रहेगा।

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