विकास कार्यों में भी जीरो टॉलरेंस
- विधायकों की इस शिकायत पर कि अफसर उनकी सुनते ही नहीं, मुख्यमंत्री ने बनाई नई व्यवस्था
- कहा, अगर अधिकारी फ़ोन नही उठाते तो मैसेज भेजिए, उसके बाद भी जवाब नहीं मिलता तो फिर मुझे बताइए
- किसी भी फ़ाइल में अगर आपत्तियाँ लगानी है तो एक ही बार लगाइए, बार-बार का खेल अब नहीं चलेगा
- प्रभारी मंत्रिगणों को अपने-अपने जनपदों में जाकर जनता और कार्यकर्ताओं से निरंतर मिलने के लिए कहा
- प्रदेशभर में विकास कार्यों पर निगाह रखने के लिये हर बृहस्पतिवार को सारे मंत्री और स्वयं सीएम विधानसभा में बैठेंगे
देहरादून। मंथन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने साफ कर दिया कि प्रदेशभर में विकास कार्यों में भी जीरो टॉलरेंस की नीति ही उनका संकल्प है। जिसमें कोई भी लापरवाही या मनमानी बर्दाश्त नहीं की जा सकती है। अब तक चली आ रही परिपाटी को बदलना ही होगा। इस दौरान विधायकों ने अपने विधानसभा क्षेत्रों से संबंधित समस्याएं भी रखीं। इस दौरान सत्तारूढ़ भाजपा के ही विधायकों के इन आरोपों पर कि अफसर उनकी सुनते नहीं, मुख्यमंत्री ने अफसरों इस मनमाने रवैये पर लगाम कसने की तैयारी कर दी है।
हाल ही में राज्यमंत्री रेखा आर्य ने भी कार्मिक विभाग पर आरोप लगाया था कि अफसर उनकी नहीं सुन रहे। अफसरशाही पर मनमानी के आरोप से संबंधित सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समस्या जबसे मैं राजनीति में आया हूं, तब से सुन रहा हूं। यह कोई नई बात नहीं है। इसके बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस परिपाटी पर रोक लगाने की पहल करते हुए कहा कि अगर अधिकारी फ़ोन नहीं उठाते तो मैसेज भेजिए और उसके बाद भी जवाब नहीं मिलता तो फिर मुझे बताइए। इस समस्या का स्थायी इंतजाम कर दिया जाएगा। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी फ़ाइल में अगर आपत्तियाँ लगानी है तो एक ही बार लगाइए, बार-बार का खेल अब नहीं चलेगा।
मंथन कार्यक्रम के उपरांत मुख्यमंत्री ने पत्रकार वार्ता में बताया कि मंथन कार्यक्रम में विधायकों की ओर से कई महत्वपूर्ण सुझाव आए। सरकार ने तीन वर्ष में क्या उपलब्धियां हासिल कीं, उन पर भी चर्चा हुई। वह अपनी खुद की घोषणाओं को लेकर बेहद गंभीर है। जिनमें से 57 प्रतिशत घोषणाएं पूरी हो चुकी हैं। बाकी पर काम चल रहा है और उनका संकल्प है कि पांच साल के अंतर्गत सभी घोषणाओं को मूर्त रूप दे दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, सिंचाई, वन आदि विभागों को लेकर गंभीरता से मंथन हुआ। जिसके सार्थक परिणाम जल्द ही देखने को मिलेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब से हर बृहस्पतिवार को सारे मंत्री और स्वयं मुख्यमंत्री विधानसभा में बैठेंगे और विकास कार्यों को पूरी गति देने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने प्रभारी मंत्रिगणों को अपने-अपने जनपदों में जाकर जनता और कार्यकर्ताओं को लगातार मिलने के लिए कहा। जिससे संबंधित क्षेत्र की तमाम समस्याओं का त्वरित निदान किया जा सके।