उत्तराखंड : देवस्थानम पर त्रिवेंद्र ने फिर दिखाया ‘आईना’!

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा

  • दूरदृष्टि से कैबिनेट ने लिया था देवस्थानम बोर्ड का फैसला, पृष्ठभूमि को समझकर लेना चाहिए निर्णय
  • कहा, आने वाले समय में तीर्थयात्रियों की संख्या बढ़ेगी, उसी हिसाब से तैयारी की जरूरत

देहरादून। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के देवस्थानम बोर्ड पर पुनर्विचार करने के बयान पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने फिर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि कोई भी निर्णय लेने से पहले दूरदृष्टि और उसकी पृष्ठभूमि को समझना बेहद जरूरी है।
मेयर सुनील उनियाल गामा की माता की तेरहवीं में पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत मीडिया से रूबरू हुए। जब उनसे देवस्थानम बोर्ड को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ये मंदिर पहले से ही बद्री-केदार मंदिर समिति के अधीन थे। इनकी संख्या 45 से 48 थी।
उन्होंने बताया कि दो-तीन मंदिरों का और प्रस्ताव आया था, जिन्हें इसमें जोड़ा गया था। कुछ और मंदिरों के प्रस्ताव आए। राज्य में कई जगह लोगों ने स्वेच्छा से काम किया। जैसे जागेश्वर मंदिर से जुड़े लोगों ने डीएम की अध्यक्षता में ट्रस्ट खुद बनाया। उन्होंने कहा कि कोई भी निर्णय लेने से पहले दूरदृष्टि के साथ ही उसकी पृष्ठभूमि को समझना चाहिए। थोड़ा बहुत विरोध हर काम का होता है, लेकिन व्यापक हित में और दूरदृष्टि के तहत यह निर्णय कैबिनेट ने लिया था।
त्रिवेंद्र ने कहा कि हवाई सेवाएं बढ़ गई हैं। चारधाम ऑल वेदर रोड बन गया है। इससे प्रदेश में आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या में बेहद इजाफा होगा। पिछली बार करीब 36 लाख तीर्थयात्री आए थे। आने वाले समय में यह संख्या करोड़ों में जाएगी। हमको उसी हिसाब से तैयारी करने की जरूरत है।

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