देहरादून : वीवीआईपी को भी नहीं मिला कमरा तो जनता का क्या होगा जनाब!

निजी अस्पताल का हाल

  • आखिरकार इंदिरा को सरकार ने एयरलिफ्ट कर भेजा मेदांता अस्पताल
  • शनिवार को साढ़े चार घंटे के इंतजार के बाद मैक्स में नहीं मिला था कमरा 
  • सीएम, शहरी विकास मंत्री, डीएम के फोन आए लेकिन नहीं हुई व्यवस्था 

देहरादून। नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर इंदिरा हृदयेश को आज रविवार को दोपहर एयरलिफ्ट कर देहरादून से गुरुग्राम स्थित मेदांता अस्पताल के लिए भेजा गया है। सरकार ने उनके लिए हेलीकॉप्टर की व्यवस्था कराई है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार रात ही इसके लिए यूकाडा के निदेशक को निर्देश दे दिए थे।
गौरतलब है कि शनिवार को हल्द्वानी से कोरोना का इलाज कराने के लिए दून के मैक्स अस्पताल में पहुंचीं इंदिरा को सरकार एक अदद कमरा नहीं दिला पाई थी। करीब साढ़े चार घंटे के इंतजार के बाद नाराज इंदिरा अस्पताल से वापस घर लौट आई थीं। 
इंदिरा की कोरोना रिपोर्ट शुक्रवार की देर रात पॉजिटिव आई थी। इसके बार नेता प्रतिपक्ष ने दून स्थित मैक्स अस्पताल में उपचार कराना तय किया। बकौल इंदिरा, शहरी विकास मंत्री ने मैक्स में बात की और सीएम ने हेलीकॉप्टर भेजा था। मैक्स में पहुंचने पर कहा गया कि उन्हें आईसीयू में भर्ती किया जा सकता है।
इंदिरा के अनुसार उन्हें आईसीयू की जरूरत ही नहीं थी। साढ़े चार घंटे के इंतजार के बाद भी उन्हें कमरा नहीं मिल पाया। ऐसे में उन्होंने तय किया कि वह दिल्ली मैक्स या अपोलो में इलाज कराएंगी। इसके लिए बात हो गई है। नेता प्रतिपक्ष का कहना है, मैं पूरी तरह से स्वस्थ हूं, बस डाक्टरों ने निमोनिया की शिकायत बताई तो मेरी चिंता बढ़ गई। सीएम ने हेलीकॉप्टर की व्यवस्था की, उसके लिए उनका धन्यवाद। शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा था कि मैक्स में आपके लिए रूम की व्यवस्था हो गई है। यहां आने पर साढ़े चार घंटे का इंतजार करने पर भी रूम नहीं मिला।
उन्होंने कहा कि सीएम, शहरी विकास मंत्री, डीएम सबके फोन आए, लेकिन रूम की व्यवस्था नहीं हुई। पूरी सरकार ही फेल साबित हुई। मैं अब सदन में इस मसले को उठाऊंगी। एक वरिष्ठ नागरिक और नेता प्रतिपक्ष तक की नहीं सुनी जा रही है तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि आम आदमी का क्या हाल हो रहा है।  
इस बारे में शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि इस संबंध में मैक्स वालों से बात की गई तो उनका कुछ और ही कहना था। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष से कहा था कि वह आईसीयू में रहें। नेता प्रतिपक्ष ने आईसीयू में रहने से इंकार कर दिया और अलग से एक कमरे की मांग की।

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