धामी ने किया स्वामी वामदेव की प्रतिमा का अनावरण, कहा- आर्थिक रूप से सशक्त बनेगा उत्तराखंड

हरिद्वार/देहरादून। आज रविवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आस्था पथ, हरिद्वार में ब्रह्मलीन वीतराग सन्त शिरोमणि स्वामी वामदेव जी महाराज की प्रतिमा का अनावरण किया तथा सन्तों का आशीर्वाद लिया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर घोषणा की कि आस्था पथ स्थित यह वाटिका सन्त शिरोमणि स्वामी वामदेव के नाम से जानी जायेगी तथा इस वाटिका की देखरेख का कार्य हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण करेगा।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्रह्मलीन वीतराग संत शिरोमणि स्वामी वामदेव जी महाराज श्री राम मंदिर आन्दोलन के स्तम्भ सन्त थे। वह विलक्षण प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने गोरक्षा तथा श्री राम मंदिर के लिये अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने कहा कि हम उत्तराखण्ड को आध्यात्मिक राजधानी बनाने के साथ ही आर्थिक रूप से भी सशक्त व मजबूत राज्य बनाना चाहते हैं। कोविड-19 की वजह से कांवड़ यात्रा हमें प्रतीकात्मक करनी पड़ी, जिसमें सभी का सहयोग प्राप्त हुआ।
उन्होंने कहा कि आगामी दिसम्बर माह तक पूरे प्रदेश में सम्पूर्ण वैक्सीनेशन किया जायेगा। बागेश्वर तथा रूद्रप्रयाग जनपद में शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन हो गया है तथा कुछ जनपदों में 95 प्रतिशत तक वैक्सीनेशन हो गया है। उन्होंने कहा कि हमें केन्द्र से पर्याप्त वैक्सीन प्राप्त हो रही है। इसके साथ ही जो भी घोषणाएं की जा रही हैं, वे सभी पूर्ण की जायेंगी। वित्त विभाग से परामर्श के बाद ही घोषणा की जा रही हैं। जिस कार्य का भी हम शिलान्यास करेंगे, उसका लोकार्पण भी करेंगे। अगले 10 सालों में उत्तराखण्ड को अनेक क्षेत्रों में अग्रणी राज्य बनाया जायेगा।  
स्वामी अनन्त गिरि महाराज ने कहा कि स्वामी वामदेव जी ने हमेशा सनातनी परम्पराओं का पालन किया। महानिर्वाणी अखाड़ा के सचिव महन्त रविन्द्रपुरी ने कहा कि सभी के अथक प्रयासों से आज मां गंगा के तट पर स्वामी वामदेव  की प्रतिमा का अनावरण हुआ, जिसके लिये सभी बधाई के पात्र हैं। हालांकि स्वामी वामदेव जी महाराज की मूर्ति के अनावरण से पहले जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानंद गिरि ने मूर्ति बदले जाने का आरोप लगाया है। स्वामी प्रबोधानंद का दावा है कि 18 सितंबर को स्वामी वामदेव की काफी बड़ी मूर्ति अनावरण के लिए लगाई गई थी। लेकिन उसी रात को मूर्ति वहां से गायब हो गई। इस मामले में पुलिस और प्रशासन को शिकायत की गई। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय के मुताबिक मूर्ति गायब होने की उनको कोई जानकारी नहीं है।
इस अवसर पर जगद्गुरु शंकराचार्य, महामंडलेश्वर हरिचेतनानंद, स्वामी वासुदेवानंद महाराज, राजेंद्र देवाचार्य, विश्व हिन्दू परिषद के संरक्षक दिनेश चन्द्र, डॉ. सच्चिदानन्द साक्षी, महन्त ज्ञानदेव जी महाराज निर्मल अखाड़ा, महन्त अविचलदास जी महाराज, स्वामी राजेन्द्र देवाचार्य, महामण्डलेश्वर अनन्तदेव गिरिजी महाराज, स्वामी देवानन्द सरस्वती महाराज, आचार्य धर्मदेव, स्वामी ललितानन्द, स्वामी जितेन्द्रानन्द, नितिन गौतम, पूर्व मेयर मनोज गर्ग, जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. योगेन्द्र सिंह रावत, अपर जिलाधिकारी प्यारेलाल शाह, एचआरडीए सचिव उत्तम सिंह चौहान, एसडीएम श्री पूरण सिंह राणा, सिटी मजिस्ट्रेट अवधेश कुमार सिंह सहित पदाधिकारीगण तथा साधु-सन्त उपस्थित थे।

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