UKSSSC पेपर लीक : थाईलैंड में मौजूद पेपर लीक मास्टरमाइंड बीजेपी नेता का करीबी

देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में घपले के मामले में एसटीएफ के रडार पर आया जिला पंचायत सदस्य विदेश चला गया है। इधर, एसटीएफ इस जिला पंचायत सदस्य की दहलीज पर पहुँचती, इससे पहले ही वह 28 जुलाई को थाईलैंड पहुंच गया। एसटीएफ इस जिला पंचायत सदस्य के लौटने के इंतजार में है। अभी एसटीएफ ने इस जिला पंचायत सदस्य को नामजद नहीं किया है। जांच में संलिप्तता व पुख्ता साक्ष्य मिलने पर एसटीएफ एफआईआर में उसका भी नाम जोड़कर कड़ा शिकंजा कस सकती है।

पेपर लीक केस में नाम आने से पहले इस जिला पंचायत सदस्य का नाम 2020 में बहुचर्चित फारेस्ट गार्ड भर्ती परीक्षा में हुई धांधली में भी आया था। 1268 पदों के लिए हुई लिखित परीक्षा में ब्लूटूथ के जरिए नकल का मामला सामने आने पर कुछ पीड़ित छात्रों ने पौड़ी ओर मंगलोर हरिद्वार में मुकदमा दर्ज कराया था। मंगलोर थाने में दर्ज मुकदमे में इन जिला पंचायत सदस्य का भी नाम था। एसटीएफ ने इस मामले में 11 लोगों की गिरफ्तारी करने के साथ ही 47 चयनित अभ्यर्थियों को नकल करने वालों के रूप में चिन्हित किया था। लेकिन, लचर जॉच और कमजोर पैरवी के चलते मुकदमा कमजोर पड़ गया था। और यह बहुचर्चित नकल का केस अदालत में खारिज हो गया था।

एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक उक्त जिला पंचायत सदस्य का नाम पूर्व की भर्तियों में भी सामने आ चुका है। पूर्व में आयोजित आयोग भर्तियों में उसके कई परिजन चयनित हो चुके हैं। एसटीएफ अफसरों का कहना है कि अभी उन आरोपियों के भूमिका की जांच की जा रही है, जो पेपरलीक कर बेचने में शामिल रहे। इनकी संख्या 13 पहुंच गई है। जल्द यह संख्या 25 के पार पहुंच सकती है। एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह का कहना है कि पुलिस जांच के दायरे में आ रहे आरोपियों के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य जुटाकर कार्रवाई करेगी।

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