नई दिल्ली। मुस्लिम महिलाओं को एक साथ तीन तलाक को अपराध करार देने वाला ऐतिहासिक विधेयक राज्यसभा में भी पारित हो गया है। इसके साथ ही इस बिल के कानून बनने का रास्ता साफ हो गया है। राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद यह कानून के तौर पर लागू हो जाएगा। राज्यसभा में इस बिल के पक्ष में 99 वोट पड़े, जबकि 84 सांसदों ने इसके विरोध में मतदान किया। बीएसपी, पीडीपी, टीआरएस, जेडीयू, एआईएडीएमके और टीडीपी समेत कई दलों के वोटिंग में हिस्सा न लेने के चलते सरकार को यह बिल पास कराने में आसानी हुई। इस विधेयक का तीखा विरोध करने वाली कांग्रेस विपक्षी दलों को अपने साथ बनाए रखने में असफल रही।
इससे पहले बिल को सेलेक्ट कमिटी के पास भेजने का प्रस्ताव भी 100 के मुकाबले 84 वोटों से गिर गया। बिल का विरोध करने वाले जेडीयू, टीआरएस, बीएसपी और पीडीपी जैसे कई दलों ने मतदान में हिस्सा ही नहीं लिया।