टोक्यो ओलंपिक : भारतीय हॉकी टीम ने 49 साल बाद रचा इतिहास!

  • वर्ष 1972 के बाद पहली बार सेमीफाइनल में जगह बनाई, क्वार्टर फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन को 3-1 से हराया

टोक्यो। आज रविवार को ओलंपिक में भारत और ग्रेट ब्रिटेन की पुरुष हॉकी टीम के बीच क्वार्टर फाइनल मैच खेला गया। जिसमें भारतीय हॉकी टीम ने इतिहास रच दिया है। वर्ष 1972 के बाद टीम पहली बार सेमीफाइनल में पहुंच गई है।
क्वार्टर फाइनल में भारत ने ग्रेट ब्रिटेन को 3-1 से हराया। टीम इंडिया के लिए दिलप्रीत सिंह ने 7वें, गुरजंत सिंह ने 16वें और हार्दिक सिंह ने 57वें मिनट में गोल दागा। सेमीफाइनल में अब टीम इंडिया का सामना बेल्जियम से होगा।
वर्ष 1972 ओलंपिक में सेमीफाइनल फॉर्मेट में हॉकी खेला गया था। इसके बाद 1976 में टीम इंडिया नॉकआउट में नहीं पहुंची थी। 1980 में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था, लेकिन उस ओलंपिक में सेमीफाइनल फॉर्मेट नहीं था। ग्रुप स्टेज के बाद सबसे ज्यादा पॉइंट वाली 2 टीम फाइनल सीधे फाइनल खेली थी।
वर्ष 1972 के बाद पहली बार पूल लेग में 4 मैच जीते : टीम इंडिया ने 1972 के बाद पहली बार है जब भारतीय टीम ने पूल स्टेज में 4 या इससे ज्यादा मुकाबले जीते हैं। 1972 ओलंपिक में भारत ने पूल स्टेज में 7 में से 5 मैच जीते थे। इसके बाद 2016 ओलंपिक तक भारत ग्रुप स्टेज में 3 से ज्यादा मैच नहीं जीत पाया। 1984 से 2016 तक तो भारतीय टीम ग्रुप स्टेज में कभी 2 से ज्यादा मैच नहीं जीत पाई थी।
हॉकी में भारत ने 8 गोल्ड मेडल जीते : भारत ने ओलंपिक में सबसे ज्यादा मेडल पुरुष हॉकी में जीते हैं। टीम ने 1928, 1932, 1936, 1948, 1952, 1956, 1964 और 1980 ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता था। इसके अलावा 1960 में सिल्वर और 1968 और 1972 में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था। 1980 मॉस्को ओलंपिक के बाद भारत ने हॉकी में कोई मेडल नहीं जीता है।
वर्ष 1980 के बाद से भारतीय हॉकी टीम के प्रदर्शन में लगातार गिरावट आई। 1984 लॉस एंजेलिस ओलंपिक में 5वें स्थान पर रहने के बाद वह इससे बेहतर नहीं कर सकी। 2008 बीजिंग ओलंपिक में तो टीम पहली बार क्वालीफाई ही नहीं कर सकी। 2016 रियो ओलंपिक में भारतीय टीम आखिरी स्थान पर रही थी। पिछले पांच साल में भारत के प्रदर्शन में जबरदस्त सुधार आया है। यही वजह रही कि टीम वर्ल्ड रैंकिंग में तीसरे स्थान पर पहुंची।

भारत की टीम
गोलकीपर : पीआर श्रीजेश
डिफेंडर्स : हरमनप्रीत सिंह, रुपिंदर पाल सिंह, सुरेंद्र कुमार, अमित रोहिदास, बीरेंद्र लाकड़ा।
मिडफील्डर्स : मनप्रीत सिंह (कप्तान), हार्दिक सिंह, विवेक सागर प्रसाद, निलकांत शर्मा, सुमित।
फॉरवर्ड्स : शमशेर सिंह, दिलप्रीत सिंह, गुरजंत सिंह, ललित कुमार उपाध्याय, मंदीप सिंह।
स्टैंडबाय : कृष्ण पाठक (गोलकीपर), वरुण कुमार (डिफेंडर), सिमरनजीत सिंह (मिडफील्डर)।

इंग्लैंड की टीम
एडम डिक्सन (कप्तान), डेविड एम्स, इयान स्लोअन, सैम वार्ड, जैकब ड्रैपर, रुपर्ट शिपर्ली, जैक वॉलेस, ओली पेन, लियाम अंसेल, ब्रैंडन क्रीड, जेम्स गॉल, क्रिस ग्रिफिथ्स, फिल रोपर, लियाम सैनफोर्ड, टॉम सोर्सबी और जैक वॉलर।

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