सरकारी टीचर का है 10 मासूमों का ‘हत्यारा’ स्कूल!

फ़ाइल फोटो

घोड़े की बला तबेले के सिर

  • इस स्कूल की व्यवस्था पर सवाल उठाने वाले अफसर को माना गया दुर्घटना का जिम्मेदार, किया सस्पेंड  
  • निलंबित उप शिक्षा अधिकारी की बात उच्चाधिकारियों ने मानी होती तो बच जाती इन मासूमों की जान 
  • 21 दिन पहले ही स्कूल को दिया था नोटिस, अन्य नोटिसों में भी स्कूल वाहन पर उठाई थी आपत्ति

देहरादून। टिहरी के मदननेगी स्थित निजी स्कूल के जिन 10 मासूम छात्रों की स्कूली वैन गिरने से हादसे में मौत हो गई, वह स्कूल एक राजकीय विद्यालय के अध्यापक अनूप नौटियाल का बताया गया है। वह वर्तमान में डुंडा मातली में तैनात है। गौरतलब है कि दस मासूम छात्रों की मौत का जिम्मेदार मानते हुए शासन ने जिस उप शिक्षा अधिकारी को निलंबित किया है, उसी ने स्कूल को नोटिस देकर स्कूली वाहन के बारे में लिखा था कि इस वाहन की क्षमता सात बच्चों की है, लेकिन इसमें 15 बच्चों को एक साथ ढोया जा रहा है। इस नोटिस को भी रद्दी की टोकरी में डाल दिया गया। 
उल्लेखनीय है कि इस स्कूल की मान्यता के लिए किये गये आवेदन में किराये के भवन का 11 महीने का जो एग्रीमेंट किया गया है, वह भी सरकारी शिक्षक अनूप नौटियाल की ओर से किया गया है। कुछ अन्य शपथ पत्रों में भी नौटियाल का ही उल्लेख है। हालांकि अब मान्यता के लिए किये जा रहे आवेदनों में अनूप नौटियाल ने अपने नाम के साथ अपनी पत्नी अमिता देवी के नाम का भी उल्लेख करना शुरू कर दिया है। इस मामले में अब एक नया खुलासा सामने आया है कि स्कूल खुलने से पहले विधायक विजय सिंह पंवार ने सात लाख रुपये अपनी विधायक निधि से स्कूल को जारी करवा दिये। हालांकि पंवार ने तीन लाख रुपये देने की ही बात स्वीकारी है। 
इस स्कूल का निरीक्षण के बाद उप शिक्षा अधिकारी धनबीर सिंह ने बीते 18 मई को स्कूल को नोटिस भेजा। जिसमें इस बात का उल्लेख है कि स्कूल प्रबंधन किताबें ओर ड्रेस भी खुद ही बेच रहा है। इस नोटिस में कहा गया है कि प्ले ग्रुप से कक्षा पांच तक 44 बच्चे पंजीकृत हैं, जिनसे अलग-अलग मदों में तीन लाख आठ हजार रुपये लिये गये। इसी नोटिस में धनबीर ने यह भी उल्लेख किया है कि बच्चों को लाने ले जाने के लिए वाहन संख्या यूके-10 9535 मारुति ओमिनी का प्रयोग किया जा रहा है। इस वाहन से संबंधित कोई भी दस्तावेज स्कूल प्रबंधन के पास नहीं हैं। 
उप शिक्षा अधिकारी ने यह भी लिखा है कि इस वाहन की क्षमता सात बच्चों की है, लेकिन इसमें 15 बच्चों को एक साथ ढोया जा रहा है। धनबीर ने सात अगस्त को फिर से इस स्कूल को नोटिस भेजा, जिसमें फिर से स्कूल वाहन को लेकर सवाल उठाये गये हैं। ऐसे में बड़ा सवाल फिर से यह उठ गया है कि आखिर एक अधिकारी जो लगातार ऐसे स्कूलों की व्यवस्था को दुरुस्त करने की कोशिश में लगा था, उसी को दुर्घटना के लिए जिम्मेदार मानते हुए निलंबित कर दिया गया। जबकि वह अपने उच्चाधिकारियों को भी इस संबंध में अवगत कराता रहा।
टिहरी के मदन नेगी में स्कूल वैन के दर्दनाक हादसे को रोका जा सकता था। शासन ने जिस अधिकारी को इस मामले में लापरवाह मानते हुए निलंबित करके अपना पीछा छुड़ाने की कोशिश की है, उसी उप शिक्षा अधिकारी धनबीर सिंह ने हादसे से 21 दिन पहले ही इस स्कूल को बंद करने के आदेश दिये थे। यदि उनकी बात को माना गया होता तो दर्दनाक हादसे में मारे गये 10 बच्चों की जान बच सकती थी। मगर सिस्टम की बानगी तो देखिये तो अधिकारी लगातार बिना मान्यता के चल रहे स्कूलों के खिलाफ उच्चाधिकारियों को अवगत कराता रहा और स्कूल के खिलाफ अपनी ओर से हरसंभव एक्शन लेता रहा। उसी को निलंबित कर दिया गया। ऐसे में एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि दस मासूम बच्चों की अकाल मौत के लिए आखिर जिम्मेदार कौन है, वह अधिकारी जो स्कूलों पर लगातार नकेल कसता रहा या फिर वो लोग जो दिल्ली से लेकर देहरादून तक के सरकारी आदेशों को धता बताते हुए अपनी राजनीतिक पहुंच के बल पर शिक्षा के नाम पर दुकान चलाते रहे। 
उप शिक्षा अधिकारी धनबीर सिंह व प्रतापनगर के विधायक विजय सिंह पंवार के बीच बातचीत का एक ऑडियो सामने आने के बाद यह मामला गंभीर हो गया है। धनबीर ने स्वीकार किया है कि यह ऑडियो 17 मई 2018 का है। उन्होंने बताया कि मदननेगी में एंजेल्स इंटरनेशनल एकेडमी का उद्घाटन विधायक विजय सिंह पंवार ने 2 अप्रैल 2018 को किया। उन्होंने बतौर शिक्षा अधिकारी 17 मई 2018 को इस स्कूल का निरीक्षण किया तो पाया कि मानकों की पूरी अनदेखी करते हुए स्कूल खोला गया है। उन्होंने मौके पर स्कूल संचालकों को बताया कि उन्होंने जो आवेदन किया है, उसमें मानक ही पूरे नहीं होते। इसके बाद जब वे वहां से जाखणीधार के लिए लौटने लगे तो रास्ते में विधायक का फोन आया। वे उन्हें धमकाने लगे कि स्कूल मैंने खुलवाया है और तुम वहां निरीक्षण करने क्यों पहुंच गये। 
जब बातचीत में गरमा-गरमी होने लगी तो धनबीर सिंह ने बातचीत को टेप कर लिया। इस बारे में सफाई देते हुए प्रतापनगर विधायक विजय सिंह पंवार ‘‘गुड्डू’ ने कहा,‘उस क्षेत्र में स्कूलों की समस्या थी, लोगों ने मुझसे कहा तो मैने कहा खुलवाइये, मेरी ओर से जो भी मदद हो सकती है, मैं कराऊंगा। इसीलिए मैंने स्कूल भवन के मेंटनेंस के लिए अपनी निधि से मदद दी। धनबीर सिंह स्कूल के लिए अनुमति नहीं दे रहे थे, इसलिए मैंने स्कूल की मान्यता के लिए कहा। जनप्रतिनिधि हूं तो ऐसे कामों के लिए अधिकारियों से बात करनी ही पड़ती है। सभी जगह निजी स्कूल खुल रहे हैं।’ 

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