कोटद्वार : श्री सिद्धबली धाम में वार्षिक महोत्सव 13 दिसंबर से

आस्था का केंद्र

  • बजरंग बली जी के इस पौराणिक मंदिर का जिक्र स्कंद पुराण में भी
  • गुरु नानक देव ने भी हेमकुंड साहब की यात्रा के दौरान यहीं किया था रात्रि विश्राम
  • गुरु गोरखनाथ और उनके शिष्यों की तपस्थली रहा है श्री सिद्धबली धाम
  • श्री सिद्धबली मंदिर में 15 दिसंबर तक चलेगा तीन दिवसीय वार्षिक महोत्सव

कोटद्वार। उत्तराखंड के कोटद्वार में श्री सिद्धबली धाम हिंदुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है। बजरंग बली जी के इस पौराणिक मंदिर का जिक्र स्कंद पुराण में भी है। जब गुरुनानक देवजी हेमकुंड साहब की यात्रा पर गए थे, तब उन्होंने भी यहीं पर रात्रि विश्राम किया था। श्री सिद्धबली बाबा मंदिर उत्तराखंड के पौड़ी जिले के कोटद्वार में खोह नदी के किनारे स्थित है। यह रमणीक स्थान तीन तरफ से शिवालिक पहाड़ियों से घिरा हुआ है और श्री सिद्धबाबा गुरु गोरखनाथ एवं उनके शिष्यों का तपस्थान रहा है। दिल्ली से कोटद्वार की दूरी 230 किमी, देहरादून से 120 किमी और नजीबाबाद से 25 किमी है। यह मंदिर कुछ वर्ष पूर्व, भूस्खलन के कारण एक तिहाई तक ध्वस्त हो गया था, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से अपने स्थान पर ही टिका रहा और आज भी  अपनी शान के साथ स्थित है। ऐसी मान्यता है कि जीर्ण अवस्था के समय, स्वयं हनुमान जी ने मंदिर को अपने कन्धों पर सहारा दिया था। यहाँ पर भक्तों द्वारा विश्वास किया जाता है कि जो भी पवित्र भावना से कोई मनोती श्री सिद्धबली बाबा से मांगता है, अवश्य पूर्ण होती है। मनोती पूर्ण होने पर भक्तजन भण्डारा करते हैं।

श्री सिद्धबली मंदिर में तीन दिवसीय वार्षिक महोत्सव 13 दिसंबर से 15 दिसंबर तक आयोजित होगा। 13 दिसंबर को ब्रह्म मुहूर्त में पांच बजे पिंडी महाभिषेक, मंदिर परिक्रमा और ध्वज पूजा के साथ पूरे विधिविधान के साथ महोत्सव प्रारंभ होगा। शाम को तीन बजे मंदिर से कोटद्वार शहर तक शोभायात्रा मुख्य आकर्षण का केंद्र रहेगी और श्री ललितानंद गिरिजी मुख्य अतिथि होंगे। 14 दिसंबर को भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के स्वामी हरिचेतना जी महाराज मुख्य अतिथि होंगे और “जागर सम्राट” पद्मश्री प्रीतम भरतवाण गढ़वाली भजनों से भक्तों को मंत्रमुग्ध करेंगे। 15 दिसंबर को जगदगुरू शंकराचार्य राजराजेश्वर जी महाराज मुख्य अतिथि होंगे और प्रसिद्द गायक कुमार विशु भजनों की प्रस्तुति देंगे।  
श्री सिद्धबली बाबा महोत्सव के आयोजन को लेकर जानकारी देते हुए समिति के महासचिव विवेक अग्रवाल ने बताया कि महोत्सव को भव्य बनाने के लिए समिति द्वारा तैयारियां शुरू कर दी गयी हैं। उन्होंने बताया कि महोत्सव में उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश और दिल्ली से बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं और सिद्धबली महोत्सव को लेकर शहर के लोगों में भी बहुत उत्साह रहता है।

श्री सिद्धबली बाबा को बरेली, मेरठ, बिजनौर, बुलन्दशहर, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, हरिद्वार आदि तक की भूमि का क्षेत्रपाल देवता के रूप में भी पूजा जाता है और यहाँ पर प्रतिदिन भंडारा आयोजित किया जाता है। रविवार, मंगलवार एवं शनिवार को भण्डारे का विशेष महत्त्व है और बड़ी बात यह है कि रविवार के भण्डारे की एडवांस बुकिंग वर्ष 2025 तक हो चुकी है। 

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