- रुद्रपुर में अपने बेटे के जरिए मासूमों का अपहरण कर बेच देती थी महिला
- मासूम के साथ सवा दो साल पूर्व अगवा बच्चा भी पुलिस ने किया बरामद
- मुख्य आरोपित सहित बच्चा खरीदने वाले और दलाल भी गिरफ्तार
- एक को रविवार को किया गया था अगवा, दूसरा दो साल पहले हुआ था अपहृत
- बरामद बच्चों को देख दंपतियों की आंखों से छलके खुशी के आंसू, पुलिस को सराहा
रुद्रपुर। ट्रांजिट कैंप क्षेत्र से बीते रविवार को अगवा तीन साल के मासूम शिवा के साथ ही पुलिस द्वारा दो साल पहले अपहृत शिवम (5) को भी बरामद करने से पुलिसकर्मियों की सर्वत्र सराहना हो रही है। बरामद बच्चों को देखकर दोनों दंपतियों की आंखों से खुशी के आंसू छलक उठे। पुलिस ने मामले में मुख्य आरोपी सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
ट्रांजिट कैंप से अपहृत बच्चे के साथ ही दो साल पहले अपहृत बच्चे की बरामदगी करने वाली टीम की पुलिस अफसरों ने पीठ थपथपाई है। एसएसपी ने बताया कि टीम को डीजी लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार ने दस हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। डीआईजी ने पांच हजार, उनकी तरफ से ढाई हजार, एसपी सिटी, एसपी क्राइम ने ढाई-ढाई हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। एसएसपी बरिंदजीत सिंह ने बताया कि एक अपहृत मासूम के साथ ही दो साल पहले अपहृत बच्चे की बरामदगी कर टीम ने अच्छा काम किया है। बच्चे के अपहरण से लोगों में भय और रोष था, लेकिन खुलासे से पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ा है।
उन्होंने कहा कि खुलासे में अहम भूमिका निभाने वाले ट्रांजिट कैंप एसओ विद्यादत्त जोशी को गणतंत्र दिवस में विशिष्ट सेवा पदक के लिए वे पीएचक्यू को संस्तुति करेंगे। कहा कि अगर गीता नहीं पकड़ी जाती तो कुछ और बच्चों का अपहरण कर बेच देती। एसएसपी बरिंदरजीत सिंह ने पुलिस कार्यालय में पत्रकार वार्ता में बताया कि आठ दिसंबर को आजादनगर ट्रांजिट कैंप निवासी भगवान देवी ने दुर्गा पार्क से अपने तीन साल के बेटे शिवा के गायब होने का मुकदमा दर्ज कराया गया था। सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली तो दो अज्ञात बच्चे पार्क से शिवा को ले जाते दिखे।
पहचान होने पर एक बच्चे ने अपनी मां गीता के कहने पर शिवा को पार्क से ले जाकर उन्हें सौंपने की बात स्वीकारी थी। उसने दो साल पहले भी शमशानघाट रोड से एक बच्चे को इसी तरह लाकर मां को सौंपने की बात कही थी। सोमवार को पुलिस ने गीता पत्नी जागन लाल निवासी ग्राम दुमकी थाना शाही बरेली और हाल निवासी आजादनगर ट्रांजिट कैंप के घर दबिश दी।
टीम ने गीता और उसके कमरे में मौजूद संतोष पत्नी जगदीश निवासी ग्राम ढिरिया थाना शहाबाद चौकी ढकिया रामपुर को पकड़ने के साथ ही उनके कब्जे से अपहृत शिवा को बरामद कर लिया। पूछताछ में गीता ने अपने बेटे की मदद से अपहृत बच्चे को संतोष को 40 हजार में बेचने की बात स्वीकारी और उससे खरीद फरोख्त के पांच हजार रुपये भी बरामद हुए। संतोष ने बताया कि उसके ननद ननदोई की कोई औलाद नहीं है।
गीता ने उसे 40 हजार में बच्चा देने की बात कही थी। वह पांच हजार रुपये एडवांस देने आई थी। गीता ने दो साल पहले श्मशान घाट रोड से एक बच्चे को चोरी कर मालदेई पत्नी ज्ञान प्रसाद निवासी ग्राम लांबाखेड़ा थाना शाही बरेली और हाल निवासी आजादनगर ट्रांजिट कैंप के माध्यम से उसके रिश्तेदार छंगेलाल पुत्र भूपाल निवासी ग्राम लांबाखेड़ा बरेली को 15 हजार रुपये में बेचने की बात स्वीकारी। आरोपी ने पांच हजार खुद रखने और 10 हजार रुपये गीता को देने की बात कही। दोनों की निशानदेही पर पुलिस ने आरोपी छंगेलाल के घर दबिश देकर उसे गिरफ्तार किया और उसके कब्जे से 20 सितंबर 2017 को अपहृत शिवम (5) को बरामद कर लिया। गीता ने पूछताछ में दो ही मामलों में लिप्तता की बात कबूली है। एसएसपी ने बताया कि दोनों बरामद बच्चों को उनके परिजनों के सुपुर्द किया गया है।
दो पहले अपहृत बच्चे की खरीद-फरोख्त में गिरफ्तार छंगेलाल पुत्र की चाह में सलाखों के पीछे पहुंच गया। उसने बताया कि उसकी पांच लड़कियां है लेकिन उसका कोई लड़का नहीं है। उसके रिश्तेदार मालदेई ने 15 हजार में लड़का देने की बात कही थी। बेटे की चाह में उसने 15 हजार में बच्चा खरीदा था। उसे पता नहीं था कि बच्चा चोरी का है। उसने कहा कि दो साल तक उसने बड़े लाड़ से बच्चे को पाला था। उसे क्या पता था कि इसी वजह से उसे जेल जाना पड़ेगा। बच्चे बरामद करने वाली पुलिस टीम में ट्रांजिट कैंप थानाध्यक्ष विद्यादत्त जोशी, एसआई अर्जुन गिरी, विजय सिह, कौशल भाकुनी, प्रदीप शर्मा, राखी धौनी, कांस्टेबल, नीरज शुक्ला, इमरान अंसारी, प्रदीप कुमार उर्फ डैनी, डौली भट्ट, महेंद्र कुमार, जानकी बिष्ट आदि शामिल रहे।