मां बनने को बेकरार थी अपूर्वा, रोहित नहीं चाहते थे बच्चा!

रोहित मर्डर केस के अनछुये पहलू

  • दूसरी महिला से ‘मित्रता’, प्रॉपर्टी और संतान की चाहत पूरी न होने पर गुस्साई अपूर्वा ने की रोहित की हत्या
  • उंची ‘उड़ान’ भरना चाहती थी अपूर्वा और उम्मीदों को पंख लगाने के लिये की थी एनडी तिवारी के बेेटे से शादी 
  • अपूर्वा शुक्ला ने राजनीति और वकालत में कुछ ‘बड़ा’ हासिल करने के लिए इंदौर से दिल्ली में जमाया था डेरा 
  • शादी के बाद अपनी महत्वाकांक्षाओं के पूरी न होने और प्रॉपर्टी को लेकर भी दोनों के बीच होते थे काफी झगड़े 

नई दिल्ली। रोहित परिवार के सूत्रों का कहना है कि अपूर्वा मां बनने के लिये बेकरार थी और अपने पति से संतान चाहती थीं। मगर रोहित इसके लिए तैयार नहीं थे। दूसरे अपूर्वा को लगता था कि महिला रिश्तेदार से रोहित की ‘मित्रता’ उसके मां बनने की राह में रोड़ा है। रोहित और अपूर्वा के रिश्तों में खटास की एक बड़ी वजह यह भी मानी जा रही है। 
चार साल पहले इंदौर से दिल्ली आई अपूर्वा एक महत्वाकांक्षी महिला थीं और उसे बहुत उंची उड़ान भरने की चाह थी। वकालत और राजनीति की दुनिया में कुछ बड़ा हासिल करने के उद्देश्य से वह दिल्ली आई थी। दिल्ली में अपूर्वा ने अपनी नेटवर्किंग स्किल का इस्तेमाल कर सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस भी शुरू कर दी। दो साल पहले एक मैट्रिमॉनियल साइट पर खुद को रजिस्टर किया और वहीं उसका परिचय रोहित शेखर तिवारी से हुआ। अपूर्वा ने रोहित के बारे में जानकारी हासिल की और पता चला कि वह उत्तराखंड और यूपी के पूर्व सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नारायण दत्त तिवारी का बेटा है। रोहित ने एनडी तिवारी को अपना जैविक पिता साबित करने के लिए कानूनी लड़ाई भी लड़ी थी। रोहित के पिता का राजनीतिक करियर देख अपूर्वा काफी प्रभावित हुईं और एनडी तिवारी की मौत से छह महीने पहले दोनों ने शादी कर ली।
परिवार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अपूर्वा की राजनीति में काफी दिलचस्पी थी और वह रोहित के जरिये सियासत में अपना करियर बनाना चाहती थीं। अपूर्वा शुरू से ही राजनीतिक महत्वाकांक्षा से भरी थी और वह खुद आईएनटीयूसी झारखंड यूनिट की प्रेजिडेंट भी रहीं। अपूर्वा ने रोहित से शादी भी इसलिए की ताकि इसके जरिये वह कांग्रेस पार्टी में अपना मुकाम बना सके। उसके सपने को उस वक्त झटका लगा जब उसे रोहित के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी मिली। इससे शादी के कुछ ही दिन बाद से दोनों के बीच तनाव शुरू हो गया। राजनीति में भी रोहित कुछ आगे नहीं बढ़ पा रहे थे और इस कारण भी अपूर्वा को बड़ी निराशा हुई। इससे विवाद इतना बढ़ गया कि पिछले साल 29 मई को वह इंदौर लौट गईं, लेकिन फिर रोहित के बुलाने पर कुछ दिन बाद दिल्ली वापस आ गईं। हालांकि डिफेंस कॉलोनी वाले मकान में अपूर्वा और रोहित अलग-अलग कमरे में रहते थे। 
रोहित और अपूर्वा के बीच रोज-रोज होने वाले झगड़े के कारण उज्ज्वला शर्मा ने भी डिफेंस कॉलोनी का घर छोड़कर तिलक लेन वाले बंगले में रहने चली गईं। उज्ज्वला ने बताया कि अब अपूर्वा रोहित से तलाक लेना चाहती थीं और वह इस साल जून तक तलाक की प्रक्रिया पूरी कर लेना चाहती थीं। हालांकि रोहित तलाक नहीं चाहते थे। परिजनों के अनुसार रोहित को लगता था कि अगर वह तलाक लेंगे तो शायद इसका असर उनके राजनीतिक करियर पर पड़ सकता है। एक रिश्तेदार महिला के साथ रोहित की बढ़ती नजदीकियों ने भी अपूर्वा को काफी परेशान किया था और प्रॉपर्टी को लेकर भी विवाद था। एनडी तिवारी ने अपनी सारी संपत्ति रोहित और उनके सौतेले भाई सिद्धार्थ के नाम कर दी थी और अपूर्वा को संपत्ति में से कुछ नहीं मिलना था। पुलिस सूत्रों का ऐसा भी मानना है कि शायद इस वजह से भी अपूर्वा ने रोहित को ही रास्ते से हटाने का फैसला कर लिया हो। 
क्राइम ब्रांच के एक सीनियर अफसर ने बताया कि रोहित और उनकी मां उज्ज्वला शर्मा जब 15 अप्रैल को काठगोदाम से वोटिंग करके लौट रहे थे। इसी दौरान अपूर्वा ने वीडियो कॉलिंग की तो रोहित अपनी कार की पिछली सीट पर  शराब पी रहे थे। उनके साथ उनकी महिला रिश्तेदार भी थीं। दोनों नशे में थे। अफसर के मुताबिक उस महिला पर अपूर्वा को पहले से ही शक था। वीडियो कॉलिंग के दौरान दोनों को एक ही गाड़ी में शराब पीते हुए देखकर वह आग-बबूला हो गईं। जब सभी घर आए तो रोहित और उनकी रिश्तेदार नशे में थे। अपूर्वा गुस्से से भर गईं और क्रोध के आवेश में आखिरकार अपूर्वा के हाथों से वह काम हो गया जिसकी उसने खुद भी कल्पना नहीं की होगी।

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