- कार से महिला के चुराये गये मोबाइल की रिपोर्ट दर्ज न कर गुम होने की रिपोर्ट लिखाने का दबाव बना रही थी पुलिस
देहरादून। कार से मोबाइल चोरी होने पर पीड़ित महिला को टरकाने में लगी पुलिस को जब एसएसपी आफिस ने फटकारा तो पुलिस ने मोबाइल चोर को महज 90 मिनट में गिरफ्तार कर लिया।
इससे पहले पुलिस वाले पीड़ित महिला की तहरीर लेने तक को तैयार नहीं थे। हुआ यूं कि त्यागी रोड निवासी मिठाई विक्रेता सतीश आहूजा की पत्नी सिम्मी आहूजा बुधवार सुबह सात बजे के करीब कार से आढ़त बाजार स्थित सब्जी मंडी गई थीं। कार में मोबाइल छोड़कर सिम्मी पास में सामान खरीद रही थी। उसकी यह गलती रही कि जल्दबाजी में वह कार लॉक करना भूल गई। इसी बीच एक शख्स ने कार से मोबाइल चुरा लिया। चोर की करतूत एक दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में आ गई।
पीड़ित महिला फुटेज लेकर पहले लक्खीबाग चौकी पहुंची, जहां से उन्हें खुड़बुड़ा चौकी भेज दिया गया। वहां पुलिस ने मोबाइल चोरी की तहरीर लेने से इनकार कर दिया। पुलिस का कहना था कि वह मोबाइल गुम होने की तहरीर दे सकती हैं। सिम्मी इसके लिए तैयार नहीं हुई और शिकायत लेकर एसएसपी ऑफिस पहुंच गईं।
एसएसपी ने फटकार लगाई तो पुलिस सक्रिय हो गई। चोरी की तहरीर रिसीव करने के साथ मोबाइल चोर की ढूंढ मच गई। इसके बाद खुड़बुड़ा चौकी पुलिस फॉर्म में आ गई और मात्र 90 मिनट में मोबाइल चोर की न केवल पहचान की, बल्कि उसे दबोच भी लिया। चौकी लाकर पूछताछ की गई तो आरोपी ने कार से मोबाइल चोरी करने की बात स्वीकार करने में देरी नहीं की। आरोपी ने बताया कि चोरी का मोबाइल वह 900 रुपये में बेच चुका है। पुलिस रात में आरोपी को साथ लेकर मोबाइल बरामद करने का प्रयास कर रही थी।
घरेलू महिला होते हुए सिम्मी आहूजा ने हिम्मत नहीं हारी। कार से मोबाइल चोरी होने के बाद सिम्मी ने परिजनों की मदद से खुद ही कई सीसीटीवी कैमरों से चोर की फुटेज का संकलन किया। फुटेज को लेकर ही सिम्मी पुलिस के पास गई, लेकिन मित्र पुलिस किसी भी कीमत पर चोरी की तहरीर पकड़ने को तैयार नहीं थी।
पुलिस महिला पर मोबाइल गुम होने की तहरीर देने का दबाव बनाती रही। लेकिन, पुलिस दबाव के आगे भी सिम्मी झुकी नहीं है। पीड़ित महिला फरियाद लेकर सीधे एसएसपी ऑफिस पहुंच गई। एसएसपी तो सिम्मी को नहीं मिले, लेकिन पीआरओ ऑफिस के दरोगा विपिन बहुगुणा, उप निरीक्षक सरिता शाह और दीवान धर्मेन्द्र बिष्ट ने पीड़ित की बात सुनने के साथ फुटेज का अवलोकन किया। पीआरओ ऑफिस से सीधे पुलिस को चोरी का मुकदमा दर्ज कार्रवाई करने को कहा गया तो पुलिस फॉर्म में आ गई।