- टाटा स्टील में कार्यरत कर्मचारी की कोरोना से मौत पर उनके परिजनों को मिलती रहेगी पूरी सैलरी
मुंबई। कोरोना काल में रतन टाटा ने अन्य उद्यमियों के लिये एक मिसाल कायम करते हुए कहा है कि उन्होंने अपने कर्मचारियों के हित में अहम फैसला लिया है। उनकी पहल पर टाटा स्टील कंपनी का कहना है कि अगर किसी कर्मचारी की मौत कोरोना से हो जाती है तो उसके परिवार को कर्मचारी की सैलरी मिलती रहेगी। टाटा ग्रुप ने कर्मचारियों के भले के लिए कई ऐसे कदम उठाए हैं जो मिसाल बन गए।
कोरोना से जान गंवाने वाले कर्मचारी के परिवार को सभी मेडिकल फायदे और हाउसिंग सुविधाएं भी जारी रहेंगी। कंपनी ने साथ ही कोविड-19 की चपेट में आकर जान गंवाने वाले फ्रंटलाइन कर्मचारियों के बच्चों की पढ़ाई को लेकर भी अहम घोषणा की है। कंपनी ने कहा है कि ऐसे कर्मचारी के बच्चों की ग्रेजुएशन पूरी होने तक भारत में पढ़ाई लिखाई का पूरा खर्चा टाटा स्टील वहन करेगी।
कंपनी की इस पहल की सोशल मीडिया पर काफी तारीफ हो रही है। गौतम चौहान लिखते हैं कि कंपनी का यह फैसला सराहनीय है। देश की हर कंपनी को टाटा से सीखने की जरूरत है। वहीं समीर पडारिया ने लिखा कि रतन टाटा को इस फैसले के लिए सलाम। उन्होंने दिखा दिया है कि वह सचमुच बड़े दिल वाले हैं। अमित शांडिल्य ने लिखा कि यह टाटा के काम करने का तरीका है। मुझे खुशी है कि मैं इस कंपनी से जुड़ा हूं। टाटा ग्रुप कोई बिजनस नहीं है यह एक कल्चर है।
टाटा ग्रुप की कंपनियां हमेशा से अपने कर्मचारियों की मदद करती रही है। टाटा कंसल्टैंसी सर्विसेज (टीसीएस) जैसी कंपनियों ने कर्मचारियों के फायदों के लिए अलग ही स्टैंडर्ड सेट किया है।
टाटा स्टील देश की वह पहली कंपनी है जिसने अपने कर्मचारियों के लिए 8 घंटे काम, मुनाफा आधारित बोनस, सोशल सिक्योरिटी, मैटरनिटी लीव, कर्मचारी भविष्य निधि जैसी सुविधाओं को बेहतर तरीके से लागू किया। टाटा की पहल के बाद ही देश की दूसरी कंपनियों ने भी ऐसे मानदंड अपनाए।
रतन टाटा ने न केवल एक सफल उद्योगपति के रूप में बल्कि एक महान इंसान और परोपकारी व्यक्ति के रूप में भी इज्जत कमाई है। पिछले साल कोरोना के कारण बिजनस प्रभावित हुआ तो कई कंपनियों ने छंटनी शुरू कर दी थी। उनका कहना था कि कंपनियों की शीर्ष लीडरशिप में सहानुभूति की कमी हो गई है।कर्मचारी अपना पूरा करियर कंपनी के लिए लगाते हैं और कोरोना वायरस महामारी जैसे संकट के समय में इनका सहयोग करने के बजाय ये बेरोजगार हो रहे हैं। टाटा ने कहा कि जिन्होंने आपके लिए काम किया, आपने उन्हें ही छोड़ दिया।
रतन टाटा का कहना था कि मुनाफा कमाना गलत नहीं है, लेकिन मुनाफा कमाने का काम भी नैतिकता से करना चाहिए। आप मुनाफा कमाने के लिए क्या कर रहे हैं, ये आवश्यक है। कंपनियों को ग्राहकों व शेयरधारकों का भी ध्यान रखना चाहिए। ये तमाम पहलू महत्वपूर्ण हैं।