नई दिल्ली। कई दिनों तक ऐसी चर्चाओं में रहने के बाद प्रशांत किशोर ने कांग्रेस का दामन थामने से इनकार कर दिया। पिछले 15 दिनों से अटकलें चल रही थीं कि प्रशांत कांग्रेस में शामिल हो जाएंगे। प्रशांत ने इस पर खुद ही विराम लगा दिया और पार्टी नेताओं को आईना दिखाते हुए कहा कि कांग्रेस को मेरी नहीं, अच्छी लीडरशिप और बड़े पैमाने पर बदलाव की जरूरत है। इसके पहले प्रशांत ने 600 पेज का प्रेजेंटेशन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को दिया था। फिर सोनिया ने 8 सदस्यों की कमेटी से पीके को पार्टी में शामिल करने पर सलाह मांगी थी। कमेटी ने प्रशांत से कांग्रेस में आने से पहले बाकियों का साथ छोड़ने को कहा था।
आज मंगलवार को कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया- ‘कांग्रेस अध्यक्ष ने एक एम्पावर्ड एक्शन ग्रुप 2024 का गठन किया और प्रशांत किशोर को जिम्मेदारी देते हुए ग्रुप में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। हम उनके द्वारा पार्टी के लिए किए गए प्रयासों और सुझावों की सराहना करते हैं।’ सुरजेवाला के बयान के बाद खुद पीके ने यह साफ कर दिया कि वे कांग्रेस में शामिल नहीं हो रहे हैं। प्रशांत ने लिखा- मैंने एम्पावर्ड एक्शन ग्रुप (ईएजी) का हिस्सा बनने, पार्टी में शामिल होने और चुनावों की जिम्मेदारी लेने का कांग्रेस का प्रस्ताव ठुकरा दिया है। मेरी राय में पार्टी की अंदरूनी समस्याओं को ठीक करने के लिए, कांग्रेस को मुझसे ज्यादा लीडरशिप और मजबूत इच्छाशक्ति की जरूरत है।
रणदीप सुरजेवाला ने बीते सोमवार को कहा था कि 2024 लोकसभा चुनाव में क्या नीति रहेगी, इसका फैसला एम्पावर्ड एक्शन ग्रुप ही करेगा। 10 जनपथ में सोमवार को हुई बैठक में कांग्रेस ने भविष्य को लेकर बड़ा फैसला लिया, जिसके तहत 6 नई कमेटियां बनाई गईं। इन सभी कमेटियों के अलग-अलग संयोजक के तौर पर मल्लिकार्जुन खड़गे, सलमान खुर्शीद, पी चिदंबरम, मुकुल वासनिक, भूपिंदर सिंह हुड्डा और अमरिंदर सिंह वारिंग काम करेंगे।
सोनिया ने प्रशांत की प्रेजेंटेशन और उनके पार्टी में शामिल होने पर विचार करने के लिए कांग्रेस नेताओं की समिति का गठन किया था। इस कमेटी ने सोनिया को अपनी रिपोर्ट सौंपी। प्रशांत पर फैसला लेने के लिए कमेटी के सदस्य केसी वेणुगोपाल, दिग्विजय सिंह, अंबिका सोनी, रणदीप सुरजेवाला, जयराम रमेश और प्रियंका गांधी वाड्रा 10 जनपथ गए थे। हालांकि कमेटी यह भी चाहती थी कि प्रशांत बाकी सभी राजनीतिक दलों से दूरी बना लें और फिर पूरी तरह कांग्रेस के लिए समर्पित हो जाएं। पीके ने सुझाव दिया था कि कांग्रेस, ममता बनर्जी की टीएमसी और केसीआर की टीआरएस जैसी रीजनल पार्टी से गठबंधन कर ले।
पीके ने कांग्रेस को 600 पेज का जो प्रेजेंटेशन दिया था, उसमें बताया गया था कि पार्टी को सत्ता में वापसी के लिए क्या करना होगा। उन्होंने तीन फॉर्मूले बताए थे। पहला- कांग्रेस पूरे देश में सिर्फ अकेले चुनाव लड़े। दूसरा- कांग्रेस भाजपा और मोदी को हराने के लिए सभी पार्टियों के साथ आए और यूपीए को मजबूत करे। तीसरा- कुछ जगहों पर कांग्रेस अकेले चुनाव लड़े और कुछ जगहों पर सहयोगियों के साथ मिलकर लड़े।हालांकि कांग्रेस के कई दिग्गजों ने पहले ही प्रशांत से किनारा कर लिया था।